छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, महामारी के कारण परीक्षाओं के बारे में यूजीसी के फैसले का विरोध कर रहे हैं

By भाषा | Published: August 15, 2020 05:44 AM2020-08-15T05:44:22+5:302020-08-15T05:44:22+5:30

छात्र यश दुबे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में कोई भी परीक्षाओं के खिलाफ नहीं है लेकिन हम महामारी के दौर में परीक्षाओं के खिलाफ हैं।

Students told Supreme Court, protesting UGC's decision regarding exams due to epidemic | छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, महामारी के कारण परीक्षाओं के बारे में यूजीसी के फैसले का विरोध कर रहे हैं

फाइल फोटो

नई दिल्लीः विश्वविद्यालयों और कालेजों में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बारे में छात्रों ने उच्चतम न्यायालय से शुक्रवार को कहा कि वह कोविड-19 महामारी की वजह से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के फैसले का विरोध कर रहे हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के फैसले के खिलाफ अंतिम सुनवाई शुरू की है। इस सुनवाई के दौरान ही छात्रों के वकील ने यह दलील दी। 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शीर्ष अदालत से कहा है कि छात्रों के शैक्षणिक जीवन के लिये अंतिम परीक्षा ‘महत्वपूर्ण कदम’ है और राज्य सरकार यह नहीं कह सकतीं कि 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षायें संपन्न कराने संबंधी उसका छह जुलाई का निर्देश कोविड-19 महामारी के दौरान बाध्यकारी नहीं है। 

छात्र यश दुबे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में कोई भी परीक्षाओं के खिलाफ नहीं है लेकिन हम महामारी के दौर में परीक्षाओं के खिलाफ हैं। उन्होंने आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों की ओर पीठ का ध्यान आकर्षित किया और कहा कि इस विशेष कानून की वजह से अदालतों को भी काम बंद करना पड़ा है। 

उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर छात्रों को परीक्षायें देने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता। शिव सेना की युवा इकाई युवा सेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने भी महामारी के दौर में परीक्षाओं के आयोजन का विरोध किया। 

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और कालेजों तथा शिक्षण संस्थानों जैसे अनेक स्थानों को पृथकवास केन्द्रों के रूप में तब्दील किया गया है। दीवान ने कहा कि यूजीसी ने कहीं भी यह नहीं कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार हुआ है या कोई नया तरीका ईजाद किया गया है।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हमने याचिकाकर्ता (यश दुबे) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और याचिकाकर्ता (युवा सेना) की ओर से श्याम दीवान को सुना। इस मामले को अब 18 अगस्त को सूचीबद्ध किया जाये।’’ 

Web Title: Students told Supreme Court, protesting UGC's decision regarding exams due to epidemic

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