IIMC में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्र प्रदर्शन पर उतरे, कहा- छोड़नी पड़ सकती है पढ़ाई
By रामदीप मिश्रा | Published: December 3, 2019 05:11 PM2019-12-03T17:11:52+5:302019-12-03T17:18:37+5:30
IIMC के छात्रों ने कहा है कि लड़कियों के लिए हॉस्टल और मेस का शुल्क 6500 रुपये और लड़कों से एक कमरे का चार्ज 5250 रुपये का शुल्क हर महीने लिया जा रहा है। आईआईएमसी को एक सार्वजनिक वित्तपोषित संस्थान माना जाता है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) के छात्रों ने ट्यूशन फीस, हॉस्टल और मेस चार्ज में हुई बढ़ोतरी के खिलाफ मंगलवार से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। छात्र कैंपस के बाहर तख्तियां लेकर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले तीन सालों में फीस तकरीबन 50 फीसदी तक बढ़ाई गई है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि दस महीने के कोर्स के लिए 95000 से अधिक फीस लग रही है। वहीं, हॉस्टल और मेस चार्ज अलग से देना पड़ रहा है। ऐसे में किसी भी मध्यम वर्गीय छात्र के लिए यह फीस दे पाना बहुत मुश्किल हो रहा है, जिसकी वजह से पढ़ाई छोड़नी पड़ सकती है। बता दें कि लोकमत न्यूज हिन्दी से पहले ही छात्रों ने प्रदर्शन करने को लेकर रुख स्पष्ट कर दिया था।
छात्रों ने कहा है कि लड़कियों के लिए हॉस्टल और मेस का शुल्क 6500 रुपये और लड़कों से एक कमरे का चार्ज 5250 रुपये का शुल्क हर महीने लिया जा रहा है। आईआईएमसी को एक सार्वजनिक वित्तपोषित संस्थान माना जाता है।
आपको बता दें कि 2015-16 में आईआईएमसी में हिन्दी पत्रकारिता की फीस 60 हजार रुपये थी जो अब बढ़कर 94,500 रुपये हो गई है।
आईआईएमसी की वेबसाइट के अनुसार, अप्रैल, 2019 तक आईआईएमसी और उसके सेंटर गेस्ट फैकल्टी के सहारे चल रहे हैं। वो भी दो-ढाई दशकों से। अभी इन छह सेंटरों को सिर्फ आठ स्थायी फैकल्टी मिलकर चला रहे हैं। 2016 में 12 स्थायी फैकल्टी थे, कुछ फैकल्टी के रिटायर होने के बाद भी इन पदों को नहीं भरा गया है। अभी दो प्रोफेसर, पांच एसोसिएट प्रोफेसर और एक अस्सिटेंट प्रोफेसर मिलकर संस्थान चला रहे हैं।
गेस्ट फैकल्टी की भी दो श्रेणियां हैं। एक वे शिक्षक है जिन्हें प्रति क्लास के हिसाब से भुगतान किया जाता है। दूसरे वे शिक्षक हैं जिन्हें संस्थान कुछ तय समय के लिए अनुबंधित करते हैं। आईआईएमसी के फिलहाल भारत में नई दिल्ली, ढेंकनाल (ओडिशा), आईजोल (मिजोरम), अमरावती (महाराष्ट्र), जम्मू (जम्मू-कश्मीर) और कोट्टायम (केरल) छह सेंटर है।