साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता के कविता संग्रह में शब्दों को बताया ‘आपत्तिजनक और अश्लील’, किताब हुई अस्वीकार
By भाषा | Published: January 20, 2020 01:13 PM2020-01-20T13:13:34+5:302020-01-20T13:13:34+5:30
जिस कविता संग्रह को पत्रों में आपत्तिजनक बताया गया है, उसी संग्रह के लिए उन्हें पिछले वर्ष साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता रचनाकार नीलबा खांडेकर ने दावा किया है कि गोवा कोंकणी अकादमी को भेजे गए दो पत्रों में उनकी कविता संग्रह में शब्दों को ‘आपत्तिजनक और अश्लील’ बताया गया जिसके बाद संस्था ने उनकी किताब को अस्वीकार कर दिया।
दरअसल गोवा कोंकणी अकादमी की तीन सदस्यीय कार्यकारी समिति ने खांडेकर की कविता के संग्रह समेत 64 किताबों की आधिकारिक खरीद के लिए मंजूरी दी थी। खांडेकर के जिस कविता संग्रह को पत्रों में आपत्तिजनक बताया गया है, उसी संग्रह के लिए उन्हें पिछले वर्ष साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि वह उन दो पत्रों के स्रोत का पता लगा रहे हैं और अकादमी तथा राज्य आधिकारिक भाषा विभाग में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन भी दिए हैं लेकिन अब तक इस बारे में उन्हें कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
लेखक ने कहा कि 19 जनवरी 2019 को उनकी किताब की 90 प्रतियों का खरीद आदेश जारी किया गया था लेकिन अकादमी के पैनल ने हाल में यह आदेश रद्द कर दिया और इस बारे में उन्हें सूचित तक नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्यकारी समिति ने कहा कि किताब में कुछ आपत्तिजनक और अश्लील शब्द हैं। मेरे सूत्रों ने बताया है कि दो पत्र मिलने के बाद मेरी किताब की खरीद पर फिर से विचार किया गया। ’’ खांडेकर ने हैरानी जताई कि गोवा कोंकणी अकादमी की कार्यवाहक अध्यक्ष स्नेहा मोराजकर ने कार्यकारी समिति की बैठक में किताब को अस्वीकार करते हुए उसमें ‘दो आपत्तिजनक शब्दों’ का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘इतने कम वक्त में 64 किताबों को पढ़ना और किसी एक किताब में दो शब्दों को निकालना और उन्हें आपत्तिजनक बताना किसी के लिए भी संभव नहीं है।’’ खांडेकर ने कहा कि किताब की खरीद को रोकने संबंधी कोई भी अधिकारिक पत्र उन्हें नहीं मिला है।