पीएचडी धारक ही बन सकेंगे यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रकाश जावड़ेकर ने किया बड़ा ऐलान

By आदित्य द्विवेदी | Published: June 13, 2018 07:23 PM2018-06-13T19:23:50+5:302018-06-13T19:23:50+5:30

केंद्र सरकार के इस फैसले से नेट परीक्षा का महत्व कम हो जाएगा। इससे पहले के प्रावधान के मुताबिक असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए परास्नातक और नेट की परीक्षा न्यूनतम योग्यता मानी जाती थी।

Prakash javadekar announces PhD mandatory for assistant professor in university, NET less importance | पीएचडी धारक ही बन सकेंगे यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रकाश जावड़ेकर ने किया बड़ा ऐलान

पीएचडी धारक ही बन सकेंगे यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रकाश जावड़ेकर ने किया बड़ा ऐलान

नई दिल्ली, 13 जूनः मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती और प्रमोशन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। ताजा फैसले के मुताबिक साल 2021-22 से असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती और प्रमोशन के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) नहीं पीएचडी अनिवार्य शर्त होगी। केंद्र सरकार के इस फैसले से नेट परीक्षा का महत्व कम हो जाएगा। इससे पहले के प्रावधान के मुताबिक असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए परास्नातक और नेट की परीक्षा न्यूनतम योग्यता मानी जाती थी। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह प्रावधान विश्वविद्यालय के लिए है। कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेशर की भर्ती के लिए परास्नातक डिग्री और नेट अथवा पीएचडी ही न्यूनतम योग्यता रहेगी।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह पूरा प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और उचित लोगों को सामने लाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए प्रावधान के लागू होने के लिए हमने तीन साल का वक्त दिया है। 2021 के बाद से विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी न्यूनतम योग्यता होगी। हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केवल फैलोशिप कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा बरकरार रखी जाएगी।

मंत्रालय के नए फैसले की कुछ प्रमुख बातेंः-

-  कॉलेज स्तर पर शिक्षकों के प्रदर्शन को मापने के लिए एक उपकरण के रूप में अकादमिक प्रदर्शन सूचकांक को खत्म कर दिया गया है। 

- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक नया, "सरलीकृत" शिक्षक मूल्यांकन ग्रेडिंग सिस्टम पेश किया है।

- 2010 के पहले के नियमों में दिए गए शिक्षकों को प्रोत्साहन और बाद में किए संशोधन को बनाए रखा गया है। इनमें एम.फिल या पीएचडी के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।

- शीर्ष 500 वैश्विक रैंकिंग में विश्वविद्यालय/संस्थान से पीएचडी डिग्री धारकों के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

- विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों/ उच्च शिक्षा संस्थानों में नए भर्ती सहायक प्रोफेसरों के लिए एक महीने के इंडक्शन कार्यक्रम की शुरुआत जरूरी कर दी गई है।

- 1 जुलाई 2021 से कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर (चयन ग्रेड) की पदोन्नति के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य कर दी गई है। इसी तरह विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होगी।

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Web Title: Prakash javadekar announces PhD mandatory for assistant professor in university, NET less importance

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