PCS Topper Interview: तैयारी के दौरान सिर्फ पांच घंटे सोती थी जयजीत कौर, फोकस करने में पति ने ऐसे की मदद
By आदित्य द्विवेदी | Published: February 23, 2019 04:09 PM2019-02-23T16:09:48+5:302019-02-23T16:09:48+5:30
PCS-2016 Topper Interview: आईटी सेक्टर की जॉब छोड़कर सिविल सर्विस की तैयारी करने वाली जयजीत कौर होरा ने अपने पहले ही प्रयास में पीसीएस टॉप किया है। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी...
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने शुक्रवार को पीसीएस-2016 के अंतिम चयन परिणाम घोषित कर दिए हैं। इसी के साथ प्रदेश को 630 नए पीसीएस अधिकारी मिल गए। इस परीक्षा में कानपुर की जयजीत कौर होरा की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में पीसीएस टॉप किया है। लोकमत न्यूज ने उनकी अभी तक की यात्रा और तैयारी के बारे में खास बात-चीत की है। जानिए, आईटी सेक्टर में जॉब करने वाली जयजीत ने पति की प्रेरणा कैसे शुरू की सिविल सेवा की तैयारी और पहले ही प्रयास में टॉप किया।
कानपुर-लखनऊ-मुंबई से नाता
मैंने अपनी स्कूलिंग अवधपुरी कानपुर से की है। उसके बाद मैंने लखनऊ से बी.टेक की पढ़ाई की है। उसके बाद मैंने मुंबई से एमबीए की पढ़ाई की और कॉलेज खत्म करके आईटी सेक्टर में जॉब शुरू कर दी।
'सिस्टर इन लॉ' से मिली प्रेरणा
2014 मेरी सिस्टर इन लॉ का पीसीएस में बतौर एसडीएम चयन हुआ। उनके काम करने के तरीके को देखकर हमें भी प्रेरणा मिली और हमने तय किया कि हमें भी सिविल सर्विस में जाना है। 2015 में आशुतोष मिश्रा से हमारी शादी हुई। और हमने तय किया कि जॉब छोड़कर सिविल सर्विस की तैयारी करनी है।
सफलता को लेकर आश्वस्त थी
मैं हमेशा से प्रतिभावान छात्रा रही हूं। मुझे भरोसा था कि मैं ये कर सकती हूं। साथ ही यह भी था कि अगर दो लोग मिलकर करेंगे तो किसा ना किसी का हो ही जाएगा। इस वजह से जॉब छोड़ दी और पूरी तरह से तैयारियों में लग गए।
बिना कोचिंग के की तैयारी
हमने दिल्ली में रहकर तैयारी की है लेकिन कोई कोचिंग नहीं की। वहां स्टडी मैटीरियल आसानी से मिल जाता है और मैंने अपनी पति के साथ मिलकर सेल्फ स्टडी की।
सिर्फ पांच घंटे सोती थी
तैयारी के दौरान कोई टाइम टेबल नहीं होता था। सिर्फ पांच घंटे सोती थी बाकी टाइम पढ़ाई करती रहती थी। सोशल मीडिया जैसे डिस्ट्रैक्शन कम से कम रखती थी। मैथ ब्रैकग्राउंड में होने का मुझे फायदा मिला।
तीन साल के इंतजार में रखा धैर्य
2016 में मेरा पहला प्रयास था। मेरे पेपर्स बहुत अच्छे हुए थे इसलिए मुझे भरोसा था कि हो जाएगा। अगर कुछ 19-20 होता तो इसलिए मैंने 2017 और 2018 की पीसीएस परीक्षाएं भी दी। मेरे बैक-अप तैयार होते जा रहे थे। आईएएस के बारे में नहीं सोचा।
दो दिमाग का मिला फायदा
मैंने अपने पति के साथ तैयारी की। नोट्स बनाने या सवाल हल करने में दो दिमाग लगते हैं तो काफी मदद मिलती है। इसका मुझे फायदा मिला।
नए अभ्यर्थियों को संदेश
बहुत मेहनत करनी चाहिए। इतना पढ़ना चाहिए कि कॉन्फिडेंस में रहे कि मेरा क्लियर हो जाएगा। ध्यान नहीं भटकाना चाहिए।
यहां सुनिए पीसीएस टॉपर जयजीत कौर होरा का ऑडियो इंटरव्यू...