Lokmat Exclusive: नीट परीक्षा के लिए डॉक्टरों की टीम बना रही दिशानिर्देश, 16 जुलाई को 16 लाख छात्र देंगे एग्जाम
By एसके गुप्ता | Published: June 5, 2020 08:03 PM2020-06-05T20:03:58+5:302020-06-05T20:04:57+5:30
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत को विशेष बातचीत में बताया कि 16 लाख छात्रों के लिए डॉक्टरों की टीम दिशा-निर्देश तैयार करने में लगी है।
नई दिल्ली। कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखकर 16 लाख छात्रों की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ के लिए चिकित्सकों की टीम दिशा-निर्देश बना रही है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने सबसे बड़ी चुनौती एक दिन में इस परीक्षा के आयोजन को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार यह परीक्षा एक दिन में आयोजित होनी है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत को विशेष बातचीत में जानकारी दी कि नीट देश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा है। इस परीक्षा की रैंक के आधार पर ही देश के मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को एमबीबीएस, बीडीएस और बीएससी फार्मेसी कोर्स में दाखिला मिलता है।
उन्होंने बताया कि परीक्षा का आयोजन 16 जुलाई को होगा। इसके लिए करीब 16 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करेगी। समस्या यह आ रही है कि परीक्षा केंद्र पर छात्रों को कितनी देर पहले बुलाया जाए और उन्हें किस तरह की सावधानियां बरतनी हैं? इसी को ध्यान में रखकर चिकित्सकों की टीम दिशा-निर्देश तैयार करने में लगी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परीक्षा में छात्रों को दो से तीन घंटे पहले बुलाने पर विचार किया जा रहा है। जिससे छात्रों की स्क्रीनिंग की जा सके। अगर किसी छात्र के शरीर का तापमान ज्यादा होगा तो उसे परीक्षा देने से मनाही की जाएगी। जिससे अन्य छात्रों को कोविड संक्रमण के संकट से दूर रखा जा सकेगा।
इसके अलावा यह भी विचार किया जा रहा है कि डायबटिज और संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए सभी छात्रों को अपने घर से लंच लाने की छूट दी जाए। इसके अलावा सेंटर पर ही मास्क उतरवाकर चेहरों की पहचान की जाए। इसके अलावा छात्रों के अंगूठे की स्याही वाली छाप लेनी है या नहीं यह सब भी चिकित्सकीय टीम के पैनल की सिफारिशों पर ही तय होगा। अक्सर छात्रों के साथ बड़ी संख्या में परीक्षा केंद्र के बाहर अभिभावक एकत्रित रहते हैं।
कोविड-19 जैसी स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन न हो इसे लेकर भी दिशा-निर्देश तैयार किया जा रहे हैं। परीक्षा केंद्रों में छात्रों शारीरिक तापमान को मशीन से जांचने से लेकर हर तरह के संक्रमण से बचाने के लिए यह सारी कवायद की जा रही है।