पॉलिटेक्निक की ओर छात्रों का रुझान कम, सीटें खाली रहने की संभावना
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 6, 2019 10:12 AM2019-07-06T10:12:36+5:302019-07-06T10:12:36+5:30
इस वर्ष सरकारी तथा निजी पॉलिटेकनिक महाविद्यालयों में सैकड़ों सीटें रिक्त रहने की संभावना है. संभाग में सरकारी एवं निजी मिलाकर कुल 21 तकनीकी महाविद्यालय हैं.
पॉलिटेकनिक की डिग्री लेने के बाद भी अच्छे वेतन की नौकरी फिलहाल नहीं मिल रही है. जिसके कारण तकनीकी महाविद्यालय की ओर विद्यार्थियों का रुझान कम हुआ है. फिलहाल विद्यार्थी आइटीआइ को प्राथमिकता दे रहे हैं.
इस वर्ष सरकारी तथा निजी पॉलिटेकनिक महाविद्यालयों में सैकड़ों सीटें रिक्त रहने की संभावना है. संभाग में सरकारी एवं निजी मिलाकर कुल 21 तकनीकी महाविद्यालय हैं.
इन 21 महाविद्यालयों में 7 हजार 689 सीटों के प्रवेश के लिए अब तक साढ़े तीन हजार से अधिक विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं. मुंबई, पुणे, ठाणे जैसे बड़े शहरों में निजी कंपनी के साथ-साथ सरकारी विभागों में भी नौकरी नहीं मिल रही. जबकि इससे पहले पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, बीई, एमई विद्यार्थियों को अच्छी नौकरी मिलती थी.
किंतु हाल के दिनों में निजी कंपनियां भी पॉलिटेकनिक डिप्लोमा, बीई, एमई विद्यार्थियों को भाव नहीं दे रहे हैं. कम वेतन पर कंपनियों ने आइटीआइ विद्यार्थियों को नौकरी देने का मन बना लिया है. इसी कारण विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा की बजाए आइटीआइ को पसंद कर रहे हैं. पश्चिम विदर्भ के 21 तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में 7 हजार 689 सीटें उपलब्ध हैं. इतनी सीटें उपलब्ध होने के बाद भी केवल साढ़े तीन हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं.
इससे तकनीकी महाविद्यालयों में 5 हजार से अधिक सीटें रिक्त रहने की संभावना है. विद्यार्थियों के प्रवेश नहीं लेने के कारण तकनीकी महाविद्यालय सूने नजर आ रहे हैं. कुछ महाविद्यालय बंद भी करने पड़े.