कोरोना वायरस ताजा अपडेट: 48 घंटे में छात्रावास खाली करें जेएनयू के छात्र, 31 मार्च तक बंद हुआ विश्वविद्यालय
By भाषा | Published: March 20, 2020 03:22 PM2020-03-20T15:22:37+5:302020-03-20T15:22:37+5:30
coronavirus outbreak in delhi: दिल्ली में कोरोना वायरस के अब तक 17 मामले सामने आए हैं. देश की राजधानी में इस वायरस के चलते एक व्यक्ति की मौत हुई है.
coronavirus outbreak in delhi: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन ने छात्रों को छात्रावास खाली करने का निर्देश दिया है। जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि मेस सुविधाएं अगले 48 घंटों के तक ही उपलब्ध रहेंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि संस्थान तत्काल प्रभाव से 31 मार्च तक बंद रहेगा।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा था कि उप राज्यपाल अनिल बैजल ने सभी सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों की गतिविधियों को अलग-अलग बांटने और सभी गैर जरूरी सेवाएं स्थगित करने को कहा है। जेएनयू प्रशासन का यह निर्देश केजरीवाल के बयान के बाद आया।
जेएनयू प्रशासन ने अपने निर्देश में कहा गया, ‘‘विश्वविद्यालय में छात्रावास, स्कूल और प्रशासन की सेवाओं सहित सभी गतिविधियां 31 मार्च तक निलंबित हैं। इसलिए सभी छात्रों को छात्रावासों को खाली करना होगा।’’ जेएनयू प्रशासन ने कहा कि सभी मूल्यांकन / परीक्षा / कक्षा प्रस्तुति गतिविधियों को 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। सभी शोधार्थियों के शोधप्रबंध जमा करने की समय सीमा को उचित रूप से बढ़ाया जाएगा। निर्देश में कहा गया, ‘‘छात्रों को छात्रावास छोड़कर घर जाने में सुविधा के लिए अगले 48 घंटों तक मेस सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उसके बाद 22 मार्च से 31 मार्च तक कोई भी मेस सुविधा और अन्य सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी।’’
विश्वविद्यालय के विभिन्न विद्यालयों / विशेष केंद्रों में अनुसंधान प्रयोगशालाएं 31 मार्च तक यथासंभव हो बंद हो सकती हैं। निर्देश में कहा गया है,‘‘ अपने-अपने देश नहीं जा पाने वाले विदेशी छात्रों के लिए अंतर-हॉल प्रशासन आवश्यक व्यवस्था करेगा।’’
जामिया के छात्रों को भी घर जाने की सलाह
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने भी छात्रों को घर जाने की सलाह दी है। जामिया रजिस्ट्रार ए पी सिद्दीकी ने एडवाइजरी करके कहा है कि जामिया में पुस्तकालयों और कैंटीन बंद किए जाने की संभावना है। इसलिए सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे मौजूदा परिस्थितियों की गंभीरता को समझें और अपनी सुरक्षा के लिए और अधिक सुरक्षित वातावरण के लिए घर वापस जाने पर विचार कर सकते हैं।