डिग्रियों, प्रमाणपत्रों में होलोग्राम और क्यूआर कोड जैसी पहचान प्रणाली शुरू की जाएं: यूजीसी
By भाषा | Published: May 27, 2019 06:47 PM2019-05-27T18:47:13+5:302019-05-27T18:47:13+5:30
यूजीसी के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से देशभर में उच्च शिक्षा प्रणाली में एकरूपता लाने में भी मदद मिलेगी। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘आपको विश्वविद्यालय द्वारा जारी अंकतालिकाओं और प्रमाणपत्रों में सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत है।’’
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि छात्रों के प्रमाणपत्रों तथा डिग्रियों में होलोग्राम और क्यूआर कोड जैसी पहचान प्रणाली शुरू की जाएं ताकि उचित सत्यापन हो और नकल नहीं हो सके।
यूजीसी के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से देशभर में उच्च शिक्षा प्रणाली में एकरूपता लाने में भी मदद मिलेगी। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘आपको विश्वविद्यालय द्वारा जारी अंकतालिकाओं और प्रमाणपत्रों में सुरक्षा उपाय अपनाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की विशेषताएं जहां सत्यापन के लिए और नकल रोकने में उपयोगी हैं, वहीं ये देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में एकरूपता लाने में भी मददगार होंगी।’’
जेएनयू ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आरंभ
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की सोमवार से शुरू हुई ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा में 1.16 लाख छात्र-छात्राएं बैठ रहे हैं। विश्वविद्यालय पहली बार कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहा है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी देश के 122 शहरों में इसे आयोजित कर रही है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) और बॉयोटैक्नोलॉजी के लिए सम्मिलित प्रवेश परीक्षा (सीईईबी)2019, सोमवार से शुरू हुई है और यह 30 मई तक चलेगी । अगले चार दिनों में आठ शिफ्ट में 142 विषयों के लिए परीक्षा होगी।
हर दिन दो पाली में- सुबह (साढ़े नौ बजे से साढ़े 12 बजे तक) और दोपहर (ढाई बजे से साढ़े पांच बजे तक) परीक्षा होगी। परीक्षा में कुल 1,16,558 छात्र-छात्राएं हिस्सा लेंगे । इसमें 67,801 पुरुष, 48751 महिलाएं और छह ट्रांसजेंडर छात्र हैं। परीक्षा के ऑनलाइन माध्यम की तरफ बढ़ने के विश्वविद्यालय के कदम पर छात्र संघ ने पिछले साल सवाल उठाते हुए इसे ‘‘घोटाला’’ बताया था ।