School खोलने की एसओपी पर अभिभावक चिंतित, स्कूलों ने किया स्वागत
By एसके गुप्ता | Published: September 9, 2020 07:35 PM2020-09-09T19:35:11+5:302020-09-09T19:35:11+5:30
21 सितंबर से छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर माता-पिता की लिखित सहमति के बाद स्कूल में पढ़ाई व टीचर की सलाह लेने की इजाजत दी गई है। ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन के बिना जहां स्कूलों को खोलने की इजाजत पर अभिभावक चिंतित हैं। वहीं स्कूलों की ओर से सरकार के इस कदम की सराहना की गई है।
नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण के कारण अरसे से बंद स्कूलों को खोलने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्कूलों के लिए 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं आंशिक रूप से शुरू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी की है।
इसमें 21 सितंबर से छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर माता-पिता की लिखित सहमति के बाद स्कूल में पढ़ाई व टीचर की सलाह लेने की इजाजत दी गई है। ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन के बिना जहां स्कूलों को खोलने की इजाजत पर अभिभावक चिंतित हैं। वहीं स्कूलों की ओर से सरकार के इस कदम की सराहना की गई है।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरसी जैन ने लोकमत से कहा कि 50 फीसदी स्टाफ के साथ स्कूलों को खोलने की इजाजत स्वागत योग्य है। पिछले 6 महीने से माता-पिता बच्चों के स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे हैं। लंबे समय से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्र अब हकीकत में पहले की तरह स्कूल आकर सीखना चाहते हैं।
अखिल भारतीय अभिभावक संघ के अध्यक्ष और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने लोकमत से कहा कि सरकार की ओर से जारी एसओपी में अभिभावकों से लिखित अंडरटेकिंग देने के लिए कहा गया है। लेकिन कानूनी तौर पर अगर किसी छात्र को कुछ होता है तो उसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन ही होगा। क्योंकि मौलिक अधिकारों में वर्णित अनुच्छेद 21 में जीवन की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर प्रावधान है। छात्र अगर स्कूल में हैं तो उसकी सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी स्कूल की ही होगी।
एसओपी की मुख्य बातें :
- केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूलों को ही खोलने की इजाजत होगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र, टीचर या अन्य स्टाफ को स्कूल आने की इजाजत नहीं होगी। स्कूलों को अच्छे से सेनिटाइज किया जाएगा
-स्कूलों से कहा गया है कि छात्र और टीचर 6 फीट की दूरी हर समय सुनिश्चित करेंगे और सिटिंग प्लान इसी आधार पर बनेगा।
-फेस मास्क पहनना अनिवार्य है, कहीं भी थूकना मना होगा।
- निरंतर अंतराल पर हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा।
-ऑनलाइन पढ़ाई की इजाजत बनी रहेगी और इसको बढ़ावा दिया जाएगा।