बच्चों के कंधों से कम होगा स्कूली बैग का बोझ, मध्य प्रदेश सरकार ने लागू की नई नीति

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 3, 2022 02:54 PM2022-09-03T14:54:40+5:302022-09-03T14:59:14+5:30

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर राज्य सरकार के स्कूलों में बच्चों के स्कूली बैग को हल्का करने का फैसला लिया है।

burden of school bags will be less than the shoulders of children, Madhya Pradesh government introduced a new policy | बच्चों के कंधों से कम होगा स्कूली बैग का बोझ, मध्य प्रदेश सरकार ने लागू की नई नीति

फाइल फोटो

Highlightsमध्य प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि स्कूली बच्चों के बैग के वजन में कटौती की जाएगीइस फैसले से करीब 1.30 लाख स्कूली बच्चों के कंधों को भारी बैग से निजात मिलने की संभावना हैशिवराज सरकार ने स्कूलों में सप्ताह का एक दिन "बैग-रहित" रखने का भी फैसला किया है

भोपाल: स्कूली बैग के बोझ तले दब रहे बच्चों के बचपन को बचाने के लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने एक गंभीर पहल की है। मध्य प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि स्कूली बच्चों के बैग के वजन में कटौती की जाएगी। राज्य सरकार की इस नई नीति से करीब 1.30 लाख स्कूली बच्चों के कंधों को भारी बैग से निजात मिलने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर राज्य सरकार के स्कूलों में भी साल 2020 के अपनी नीति के तहत बच्चों के स्कूली बैग को हल्का करने का फैसला लिया है।

खबरों के अनुसार कक्षा 1 से 10वीं तक कक्षाओं के लिए छात्रों के स्कूली बैग के निर्धारित वजन को स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाएंगा। राज्य सरकार ने स्कूली बैग से संबंधी नए नियमों का तत्काल प्रभाव से लागू करने का भी आदेश जारी किया है।

सरकार की ओर से जारी किये गये शासनादेश के अनुसार छात्रों के लिए सप्ताह में स्कूल का एक दिन "बैग-रहित" होगा और उस दिन पाठ्यक्रम के अलावा अन्य गतिविधियों मसलन खेलकूद और शारीरिक शिक्षा के लिए समर्पित रहेगा। इस संबंध में एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कुल 1.30 लाख सरकारी स्कूल हैं जिनमें कुल 154 लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा ले रहे हैं।

स्कूली बैग से संबंधित सरकार के नये आदेश को जारी करते हुए मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह ने 29 अगस्त के सर्कुलर में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अगले तीन महीनों में निरीक्षण के लिए बेतरतीब ढंग से स्कूलों का दौरा करें और सुनिश्चित करें कि स्कूल ने बच्चों के कंधों से बैग का वजन नए मानदंडों के अनुसार किया है या नहीं।

इसके साख ही नए सरकारी दिशा-निर्देशों में स्कूलों को बिना किताबों के कंप्यूटर, नैतिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान, खेल, शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य और कला जैसे विषयों में बच्चों को विशेष रूप से पढ़ाने का निर्देश दिया गया है। बच्चों को राज्य सरकार और एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित किताबों के अलावा कोई भी अन्य किताब स्कूली बैग में ले जाने की इजाजत नहीं होगी।

शिवराज सरकार की नई स्कूली शिक्षा नीति के मुताबिक कक्षा 1 और 2 के छात्रों को 1.6 किलोग्राम से 2.2 किलोग्राम वजन वाले स्कूल बैग, जबकि कक्षा 3, 4 और 5 के बच्चों को 1.7 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम तक के स्कूल बैग ले जाने होंगे। वहीं कक्षा 6 और 7 के छात्रों को 2 से 3 किलो, कक्षा 8 के छात्रों को 2.5 किलो से 4 किलो और कक्षा 9 और 10 के छात्रों को 2.5 किलो से 4.5 किलो तक के स्कूली बैग को ले जाने की अनुमति होंगी।

इसके अलावा शासनादेश में यह भी कहा गया है कि स्कूलों को कक्षा 11 और 12 के लिए अलग-अलग स्ट्रीम के अनुसार बैग का वजन भी स्कूलों द्वारा निर्धारित करना चाहिए। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: burden of school bags will be less than the shoulders of children, Madhya Pradesh government introduced a new policy

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