बिहार में इंटर परीक्षाः पेपर देने पहुंची छात्रा ने दिया बच्चे को जन्म, दूसरी छात्रा ने प्रसव के महज 6 घंटे बाद दी परीक्षा
By एस पी सिन्हा | Published: February 3, 2021 04:05 PM2021-02-03T16:05:20+5:302021-02-03T16:06:17+5:30
BSEB Intermediate Exam: बिहार में इंटर परीक्षा का आयोजन हो रहा है. सारण जिले में दो छात्राएं ने बच्चे को जन्म दिया. हर कोई हौसले को सलाम कर रहा है.
BSEB Intermediate Exam: बिहार बोर्ड की तरफ से इस वक्त इंटर की परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. इसी परीक्षा के दौरान दो चौंकाने वाली घटनाएं सामने आई हैं.
पहला मामला सारण जिले के तरैया से सामने आया है, यहां प्रसव के महज 6 घंटे बाद एक छात्रा ने इंटर की परीक्षा दी है. सारण जिले के तरैया रेफरल अस्पताल में सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर बच्ची को जन्म देने के 6 घंटे बाद एक महिला इंटर की परीक्षा देने केंद्र पर पहुंची. इसी जिले में एक अन्य केंद्र पर प्रसव पीड़ा के बाद छात्रा को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने बच्चे को जन्म दिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नारायणपुर गांव निवासी युवक मालिक राय की पत्नी कुसुम कुमारी इंटर की परीक्षार्थी है. परीक्षा के दूसरे दिन मंगलवार को उसे प्रसव पीड़ा हुई. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. मंगलवार को ही सुबह उसने सामान्य रूप से बच्ची को जन्म दिया. फिर छात्रा प्रसव के केवल छह घंटे बाद ही इंटर की परीक्षा देने परीक्षा केंद्र पर चली गई.
कुसुम बंगरा लोकमान्य हाई स्कूल इंटर कॉलेज की छात्रा है
वह कुसुम बंगरा लोकमान्य हाई स्कूल इंटर कॉलेज की छात्रा है. उसका केंद्र छपरा शहर के गांधी हाई स्कूल में है. नवजात बच्ची को लेकर परीक्षा देने गई छात्रा ने बताया कि शरीर में कमजोरी व सर में चक्कर है, लेकिन परीक्षा नहीं देने पर 1 साल बेकार हो जाएगा. सभी ने परीक्षार्थी के पढ़ने के जज्बे व साहस की सराहना की.
वहीं, दूसरा मामला मढौरा का है, जहां पंडित जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में चल रही परीक्षा के दौरान एक छात्रा को प्रसव पीडा शुरू हो गई. इसके बाद उसे तुरंत पास के अस्पताल में भेजा गया. परीक्षार्थी सीवान कद पचरुखी की रहने वाली है.
प्रसव के कारण वह परीक्षा नहीं दे पाई. इसतरह से कड़ाके की ठंड के बावजूद इस विषम परिस्थिति में भी परीक्षार्थी द्वारा अपनी नवजात बच्ची के साथ परीक्षा में शामिल होने को लेकर क्षेत्र भर इस बात की चर्चा रही. लोग शिक्षा के प्रति परीक्षार्थी एवं उसके परिवार के लोगों की लगन एवं निष्ठा की सराहना करते दिखे. बिहार बोर्ड और स्कूल की ओर से बगैर किसी ऑनलाइन क्लास के ज्यादातर छात्र-छात्राओं ने खुद ही परीक्षा की तैयारी की है.