रांची हिंसा में भीड़ जुटाने के लिए बना था वाट्सएप ग्रुप 'वासेपुर गैंग', पुलिस जुटी जांच में
By एस पी सिन्हा | Published: June 13, 2022 08:13 PM2022-06-13T20:13:47+5:302022-06-13T20:20:12+5:30
झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा के बाद स्थिति सामान्य है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जांच में यह बात सामने आई है कि हिंसा से पहले भीड़ जुटाने के लिए वासेपुर गैंग नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बना था।
रांची:झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा के बाद स्थिति सामान्य है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जांच में यह बात सामने आई है कि हिंसा से पहले भीड़ जुटाने के लिए वासेपुर गैंग नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बना था। जिसमें घटना के दिन को लेकर सारी योजनाएं साझा की गई थीं। फिलहाल पुलिस इस ग्रुप के एडमिन का पता लगाने में जुटी है।
वहीं, हिंसा को लेकर पुलिस द्वारा आरोपियों को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया गया। लोअर बाजार थाना क्षेत्र के गुदड़ी चौक पर लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराया। इसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस तैनात थी। हालांकि स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस द्वारा कर्बला चौक समेत कई इलाकों में बैरिकेडिंग की गई है।
हिंसा की घटना के बाद से ही राजधानी रांची समेत सभी जिलों की पुलिस पूरी तरह अलर्ट है और सामाजिक सौहार्द को बनाये रखने के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है।
वहीं, रांची हिंसा के बाद से सोमवार को भी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। शांति बनाए रखने के लिए सरकार ने राज्य भर में सभी संवेदनशील स्थानों पर रैपिड एक्शन फोर्स, आतंकवाद विरोधी दस्ते, विशेष टास्क फोर्स और पुलिस को तैनात किया है।
वहीं दूसरी तरफ रांची शहर के 6 थानों में धारा 144 लागू है। इस बीच, आज तीसरे दिन से दुकानें व बाजार खुलने लगे, लेकिन राजधानी के मेन रोड में अभी भी सन्नाटा पसरा है। पहले जैसी चहल-पहल नहीं देखी जा रही है। इक्का-दुक्का दुकानें खुली हैं। रांची हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई का विरोध भी किया जा रहा है।
उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस मामले की जांच के दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमिताभ कौशल और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) संजय लातकर इन घटनाओं की जांच करेंगे। रांची के डीआईजी अनीश गुप्ता ने कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी गठित किया गया है।
उन्होंने कहा कि अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद राजधानी रांची में शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसा शुरू हो गई थी।
उपद्रवियों ने विरोध के नाम पर पहले जुलूस निकाला फिर बाद में पत्थरबाजी और तोड़फोड़ शुरू कर दी। महौल को गर्म होता देख बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा संभाला। भीड़ को हावी होता देख पुलिस ने लाठी चार्ज और फायरिंग कर दी। इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गये। इसमें दो लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद से ही मेन रोड में धारा 144 लागू है। फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए रांची का इंटरनेट ठप कर दिया गया है।
इस बीच हिंसा मामले पर आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने से भाजपा विधायक सीपी सिंह काफी नाराज दिखे। पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस घटना में कई चेहरे सामने है, लेकिन पुलिस प्रशासन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि उपद्रव फैलाने वाले को सबक मिल सके।
उन्होंने कहा कि किसी को शहर में अशांति फैलाने का अधिकार नहीं है, रांची के लोग शांति प्रिय हैं। इसे अशांत करने की कोशिश न करें। सिंह ने कहा कि धार्मिक स्थल समेत बिहार के पथ निर्माण मंत्री पर जानलेवा हमला सोची-समझी साजिश है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सरकार ऐसे लोगों को चिह्नित कर जल्द से जल्द जेल के सलाखों के पीछे भेजे।