जानें क्या होता है लुकआउट नोटिस, ईडी ने पी चिदंबरम के लिए किया है जारी
By पल्लवी कुमारी | Published: August 21, 2019 12:57 PM2019-08-21T12:57:46+5:302019-08-21T12:57:46+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लुकआउट नोटिस (Lookout Circulars (LOC)/Notices) जारी किया है। सीबीआई और ईडी की टीम लगातार चिदंबरम की तलाश में लगी है।
आईएनएक्स मीडिया मामले( INX media case) में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लुकआउट नोटिस (Lookout Circulars (LOC)/Notices) जारी किया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और धनशोधन मामलों में पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज 20 अगस्त 2019 को खारिज कर दी थी। लुकआउट सर्कुलर या लुकआउट नोटिस (LOC) अपराधी भागे हुये अपराधी को पकड़ने या अपराध की मंशा/अपराध कर के देश छोड़कर भागने की दशा में की जाती है। लुकआउट सर्कुलर या लुकआउट नोटिस देश के जांच एजेंसी सीबीआई( CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) या फिर एसटीएफ, एसआईटी कर सकती है।
लुकआउट नोटिस देश की विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वांटेड व्यक्तियों के प्रवेश या निकास को रोकने और निगरानी करने के लिए भी जारी किया जा सकता है। आपने देखा होगा कि कई बार अपराधी विदेशों में बॉर्डर या एअरपोर्ट पर गिरफ्तार किया जाता है, इसका मतलब यही होता है कि उसके लिए जांच एजेंसियों द्वारा लुकआउट नोटिस जारी किया हुआ है।
गृह मंत्रालय द्वारा तैयार प्रारूप में ही जारी किया जा सकता है लुकआउट नोटिस
किसी भारतीय व्यक्ति के खिलाफ सभी देश के बाहर आने और जाने या देश के किसी भी चेकपोस्टों के लिए लुकआउट नोटिस गृह मंत्रालय द्वारा तैयार प्रारूप में ही जारी किया जा सकता है। ये प्रकार का लैटर होता है, जिसे जांच एजेंसियां तय तो करती है कि किसके लिये जारी करना है लेकिन गृह मंत्रालय द्वारा तैयार प्रारूप में ही जारी किया जा सकता है।
यदि किसी देश के आव्रजन अधिकारियों के पास किसी भी फरार अपराधी के खिलाफ लुकआउट नोटिस है तो फरार व्यक्ति को जांच एजेंसी के अधिकारी या पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है।
MHA (गृह मंत्रालय) द्वारा जारी किए गए भारतीय नागरिकों के संबंध में लुकआउट नोटिस जारी करने के चार प्वाइंट हो सकते हैं...
1. लुकआउट नोटिस जारी करने का अधिकार जिला स्तर पर संबंधित राज्य सरकार / पुलिस अधीक्षक / भारत सरकार में संयुक्त सचिव / भारत सरकार के उप सचिव के पद से नीचे के अधिकारी के पास नहीं होते हैं।
2. लुकआउट नोटिस गृह मंत्रालय के द्वारा तैयार प्रारूप में ही जारी किया जा सकता है।
3. नोटिस जारी करने वाली एजेंसी को पहले से निर्धारित प्रारूप पर आरोपी व्यक्ति की पूरी पहचान का विवरण देना होता है।
4. आम तौर पर लुकआउट नोटिस जारी करने की तारीख से एक साल तक के लिए वैध होता है। अगर जांच एजेंसी इसकी सीमा बढ़वाना चाहते हो तो उसके लिए उन्हें एक साल से पहले ही इस बात का निवेदन MHA को देना होता है।