यूपी के डीजीपी ने किया खुलासा, विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे पुलिसकर्मियों की यह कमी है जिम्मेदार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: October 4, 2018 01:48 PM2018-10-04T13:48:36+5:302018-10-04T13:48:36+5:30

पिछले शनिवार को कथित रूप से गाड़ी नहीं रोकने पर कांस्टेबल प्रशांत चौधरी ने एप्पल कम्पनी के अधिकारी विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से प्रदेश की पुलिस कड़ी आलोचना का सामना कर रही है।

Vivek Tiwari death case: DGP says UP police have to train policemen | यूपी के डीजीपी ने किया खुलासा, विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे पुलिसकर्मियों की यह कमी है जिम्मेदार

यूपी के डीजीपी ने किया खुलासा, विवेक तिवारी हत्याकांड के पीछे पुलिसकर्मियों की यह कमी है जिम्मेदार

लखनऊ, चार अक्तूबर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान कथित तौर पर वाहन नहीं रोकने पर पुलिस कांस्टेबल प्रशांत चौधरी से गोली लगने से एप्पल कंपनी में काम करने वाले शख्स विवेक तिवारी की मौत का मामला शांत होते नहीं दिख रहा है। इस मामले पर राजनीतिकरण भी होने लगी है। विपक्षी पार्टियां इस बात के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। वहीं, अब इस मामले पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने मौत की वजह बताई है। 

ये भी हो सकती है मौत की वजह

यूपी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने विवेक तिवारी को गोली मारकर हत्या किए जाने के लिये पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार बताया है। गुरुवार को उन्होंने कहा, सूबे के सिपाहियों के लिये ‘रीफ्रेशर कोर्स’ चलाने का निर्णय लिया गया है।

डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान के बातया,‘‘बीते शनिवार को लखनऊ के गोमतीनगर में ‘एप्पल’ कम्पनी के अधिकारी विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी दोनों पुलिसकर्मी राज्य पुलिस के कोई ब्रांड एम्बेसडर नहीं हैं। हम ‘ट्रिगर हैप्पी’ नहीं बल्कि लोगों के मित्र हैं।’’ ‘ट्रिगर हैप्पी’ से आशय मामूली उकसावे पर भी हिंसक प्रतिक्रिया करने और गोली चलाने से है।

ओम प्रकाश सिंह ने विवेक तिवारी हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘किसी निहत्थे को गोली मारने का क्या औचित्य है? आरोपी सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को गिरफ्तार और बर्खास्त किया जा चुका है। पुलिस बल में शामिल कुछ लोगों की ऐसी हरकत से पूरे महकमे की कार्य संस्कृति का अंदाजा नहीं लगाया जाना चाहिए।’’

2013 से 2017 के बीच भर्ती किए गए सिपाहियों के लिए रीफ्रेशर

उन्होंने कहा,  ऐसी घटनाओं के लिये पेशेवर प्रशिक्षण की कमी को जिम्मेदार करार देते हुए कहा कि 2013 से 2017 के बीच भर्ती किये गये सिपाहियों के लिये रीफ्रेशर कोर्स चलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि सिपाही सही निशाने का सही अंदाजा नहीं लगा पाते हैं। 

डीजीपी ने बताया, रीफ्रेशर कोर्स आठ अक्टूबर को लखनऊ में शुरू होगा और इसे पूरे प्रदेश में चलाया जायेगा। इसमें सेवारत तथा सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी सिपाहियों से बात कर उनकी काउंसलिंग करेंगे। हमारी कोशिश होगी कि सिपाहियों को जनता के प्रति अपना व्यवहार ठीक करने का प्रशिक्षण दिया जाये।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में पुलिसकर्मियों को उचित प्रशिक्षण नहीं दिया गया। यह उस समय की सरकार की नाकामी थी। उस दौरान पुलिसकर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण पेशेवर नहीं था और उनमें आम लोगों से कैसे बर्ताव करना चाहिए, इस पक्ष पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

सोशल मीडिया पर रखें पैनी नजर

सिंह ने कहा कि वर्ष 2013 में भर्ती सिपाहियों को तीन चरण में प्रशिक्षण दिया गया था। पहले चरण में 20166, दूसरे चरण में 15814 और तीसरे चरण में 3798 सिपाहियों को प्रशिक्षित किया गया।

विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी सिपाहियों की मदद के लिये साथी पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर अभियान चलाने और चंदा एकत्र किये जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखें। अफसरों से कहा गया है कि वे सिपाहियों को घटना की वास्तविकता से अवगत करायें।

क्या था मामला 

पिछले शनिवार को विवेक आईफोन लॉन्चिंग के बाद अपनी महिला सहकर्मी के साथ लौट रहे थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें गाड़ी रोकने का इशारा किया तो विवेक ने दरकिनार कर दिया। कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी ने शक में गोली चला दी जिससे विवेक की मौत हो गई। एसपी ने बताया कि सना खान की शिकायत पर कॉन्स्टेबल के खिलाफ गोमतीनगर थाने में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।  इस घटना के बाद से प्रदेश की पुलिस कड़ी आलोचना का सामना कर रही है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट)

Web Title: Vivek Tiwari death case: DGP says UP police have to train policemen

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