BJP मंत्री की सरेआम हत्या, 60 मुकदमे, परिवार की हत्या, पढ़ें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की जिंदगी की पूरी कहानी
By पल्लवी कुमारी | Published: July 10, 2020 09:17 AM2020-07-10T09:17:26+5:302020-07-10T09:17:26+5:30
कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) का मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey dead) एनकाउंटर में मारा गया है। STF की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस ने फायरिंग की।
कानपुर: कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey dead) एनकाउंटर में मारा गया है। 3 जुलाई 2020 को कानपुर शूटआउट के बाद से फरार हुआ विकास दुबे को गुरुवार (9 जुलाई) उज्जैन में पकड़ा गया और शुक्रवार (10 जुलाई) मुठभेड़ में कानपुर में मारा गया। पिछले एक हफ्ते से सोशल मीडिया से लेकर खबरों में हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात अपराधी विकास दुबे चर्चा में बना रहा। कानपुर शूटआउट में उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ सिपाही शहीद हो गए थे और दो अपराधी मारे गए थे।आइए जानें इस कुख्यात अपराधी विकास दुबे की जिंदगी के बारे में सबुकछ।
विकास दुबे की पारिवारिक पृष्ठभूमि
विकास दुबे का जन्म कानुपर के बिकरू गांव में हुआ था। विकास दुबे के पिता का नाम रामकुमार है, जो बिकरू गांव में ही रहते हैं। विकास की मां का नाम सरला दुबे है। जो फिलहाल लखनऊ में रहती हैं। विकास दुबे ने रसूलाबाद से इंटर किया था और फिर ग्रेजुएशन भी किया। विकास दुबे के तीन भाई हैं। सबसे बड़े विकास, फिर दीपू दुबे और उसके बाद अविनाश दुबे है। सबसे छोटे भाई अविनाश की हत्या हो गई थी। विकास दुबे अपने टीनऐज से ही छोटे-मोटे अपराध में लिप्त रहता था। विकास दुबे की पत्नी का नाम रिचा दुबे है, विकास के दो बेटे आकाश और शानू हैं। विकास दुबे की पत्नी लखनऊ में रहती है, फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त में है। विकास दुबे ने 25 साल पहले अपने दोस्त राजू खुल्लर श्रीवास्तव की बहन ऋचा से लव मैरिज की थी।
विकास दुबे की तीन बहनें बिट्टन, किरण और रेखा है, जिसमें की बिट्टन की शादी शिवली में हुई है। किरण की शादी उन्नाव में और रेखा की रामपुर में हुई है। इसमें किरण और रेखा मर चुकी हैं। विकास दुबे का बड़ा बेटा आकाश विदेश से एमबीबीएस कर रहा है, जबकि शानू इंटर में है और वह अपनी मां और दादी के साथ लखनऊ में रहता है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे हमेशा राजनीतिक सरपरस्ती में पला
विकास दुबे हमेशा से ही राजनीतिक सरपरस्ती में पला बढ़ा है। यही वजह से ये इतने सालों से पुलिस की पकड़ से बच जाता था। यूं तो विकास दुबे के हर राजनीतिक पार्टी में संबंध थे लेकिन बहुजन समाज पार्टी (BSP) से किसका खास कनेक्शन था। बसपा पार्टी से जुड़ने के बाद विकास दुबे जिला पंचायत सदस्य भी रहा था। विकास दुबे बहुजन समाज पार्टी में सक्रिय रहा और पूर्व प्रधान के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुका है।
प्रदेश से बीएसपी की सरकार जाने के बाद, वो मानों गायब सा हो गया था। इसके बाद विकास दुबे की पत्नी निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थी। आप उसके रसखू का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब वह जेल में बंद थे, तब उसने शिवराजपुर नगर पंचायत चुनाव जीता था। विकास दुबे के का काला कारोबार यूपी में कानपुर देहात से लेकर इलाहाबाद और गोरखपुर तक फैला है।
BJP दर्जाप्राप्त श्रममंत्री की हत्या कर चर्चा में आया था विकास दुबे
विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में दर्जाप्राप्त श्रममंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर सुर्खियों में आया था। यूपी में बीसपी और बीजेपी की सरकार थी और विकास दुबे में 2001 में शिवली थाने में घुसकर सरेआम ममंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद वह फरार हो गया था। इसी घटना के बाद वह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया था।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर दर्ज हैं 60 आपराधिक मुकदमे
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर यूपी के अलग-अलग थानों में 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पुलिस ने कई बार उसे गिरफ्तार करने की योजना बनाई थी लेकिन राजनीतिक पार्टियों के दबाव में पुलिस एनकांउटर करने से बचती रही। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विकास दुबे पर जिले के एक पूर्व सांसद का भी संरक्षण प्राप्त था।
एसएसपी कानपुर ने बताया है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने हाल ही में एक मर्डर किया था, इसी केस के सिलसिले में पुलिस टीम उसे पकड़ने के लिए गांव पहुंची थी। कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ हाल ही में एक मामला दर्ज कराया था।
विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर करवाया था जानलेवा हमला
विकास दुबे का नाम साल 2000 में, कानपुर के शिवाली थाना क्षेत्र में ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे की हत्या में भी आया था। विकास दुबे पर आरोप यह भी है कि उसने उसी साल शिवली थानाक्षेत्र में ही रामबाबू यादव की हत्या की साजिश जेल के भीतर रहकर रची थी।
साल 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है। इसके अलावा साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया था। अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
विकास दुबे के भाई के छोटे अविनाश दुबे की हत्या बावरिया गिरोह ने की थी। जिसके बाद बावरिया गिरोह से विकास दुबे का छत्तीस का आंकड़ा चलता है। भाई की हत्या और परिवारिक विवाद के चलते विकास दुबे कमजोर पड़ गया था। इसी बीच उसके साले राजू खुल्लर ने सहारा दिया था। राजू खुल्लर का भी अपराधिक इतिहास है।
एसटीएफ ने किया था विकास को गिरफ्तार
विकास दुबे को एसटीएम ने लखनऊ से गिरफ्तार करके स्प्रिंग फील्ड रायफल, 15 कारतूस व मोबाइल फोन बरामद कए थे। साल 2013 में विकास को कानपुर पुलिस ने पकड़ा था, तब उस पर 50 हजार का इनाम था।
जानें कानपुर एनकाउंटर (kanpur Encounter) में क्या हुआ?
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के विकास दुबे के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। जिसमें यूपी पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। शहीद होने वालों में पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल थे।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।