विजय माल्या ने अरुण जेटली के बारे में दिया सनसनीखेज बयान, वित्त मंत्री ने जारी की ये लिखित सफाई
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 12, 2018 07:25 PM2018-09-12T19:25:13+5:302018-09-12T19:44:54+5:30
कारोबारी विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर विदेश फरार हो जाने का आरोप है। भारतीय अदालत ने विजय माल्या को भगोड़ा करार दिया है।
बुधवार (12 सितंबर) को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नौ हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार होने के आरोपी कारोबारी विजय माल्या से मुलाकात करने और उसके कर्ज चुकाने की पेशकश के दावे का खण्डन किया है। बुधवार को माल्या ने दावा किया कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने जेटली से मिलकर बैंकों का कर्ज चुकाने की पेशकश की थी।
अरुण जेटली ने एक लिखित बयान जारी करके कहा है कि माल्या का बयान पूरी तरह झूठ है और सच से उसका कोई वास्ता नहीं है। जेटली ने कहा है कि साल 2014 से अब तक उन्होंने कभी विजय माल्या को मुलाकात का वक्त नहीं दिया इसलिए उनसे मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता।
विजय माल्या के बयान का खंडन करते हुए अरुण जेटली ने कहा है, "...चूँकि वो राज्य सभा के सांसद थे और कभी-कभी संसद आते थे तो उन्होंने सांसद के तौर पर मिली हुई सुविधा का लाभ उठाते हुए एक मौके पर मेरे सदन से निकलते समय तेज चाल में चलकर मेरे पास आकर कहा कि "मैं कर्ज चुकाने का प्रस्ताव देना चाहता हूँ।" उनके पुराने खोखले वादों के बारे में मुझे पहले ही जानकारी दी जा चुकी थी इसलिए मैंने उनसे कहा कि "मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं आप अपने बैंकरों से बात करें।" मैंने उनके हाथ में मौजूद कागजात तक नहीं लिये।" जेटली के अनुसार इस एक मौके पर इस एक पंक्ति से ज्यादा उनकी विजय माल्या से कोई बात नहीं हुई है।
बुधवार को लंदन की अदालत में सुनवाई से पहले विजय माल्या ने पत्रकारों से कहा कि उनका मामला अदालत में है और अब वही इसका फैसला करेगी। भारतीय एजेंसियों ने लंदन की अदालत में माल्या को भारत प्रत्यार्पित करने की अर्जी दायर की थी जिसपर सुनवाई चल रही है।
किंगफिशर के कर्ज में होने की बात
बुधवार को लंदन की अदालत में सुनवाई के दौरान भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के वकील ने कहा कि भारतीय बैंकों के पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि किंगफिशर कंपनी ने बुरी नियत के साथ बैंक से लोन लिया था।
विजय माल्या के वकील ने दावा किया कि आईडीबीआई बैंक के अधिकारी ये बात जानते थे कि किंगफिशर कंपनी को घाटा हुआ है। माल्या के वकील ने कहा कि भारत सरकार का ये दावा बेबुनियाद है कि विजय माल्या की कंपनी ने बैंक से कर्ज लेते समय कंपनी को हुए घाटे को छिपाया था।
विजय माल्या के वकील ने कहा कि आईडीबीआई बैंक द्वारा उनके मुवक्किल विजय माल्या को भेजे गये ईमेल इस बात का सबूत हैं कि बैंक को माल्या की कंपनी की माली हालत के बारे में जानकारी थी।
विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर विदेश फरार हो जाने का आरोप है। भारतीय अदालत ने विजय माल्या को भगोड़ा करार दिया है।
भारतीय जाँच एजेंसियों ने विजय माल्या को लंदन से भारत लाने के लिए ब्रिटिश अदालत में अर्जी दी है जिस पर आज भी सुनवाई हुई।
62 वर्षीय माल्या के खिलाफ अप्रैल 2017 में प्रत्यर्पण वारंट जारी किया गया था।
Finance Minister Arun Jaitley's statement on Vijay Mallya's claim that he met the finance minister before he left. pic.twitter.com/oPrbZoO075
— ANI (@ANI) September 12, 2018