महीनों से इंसाफ की राह तक रही रेप पीड़िता ने किया सुसाइड, कठघरे में यूपी पुलिस
By पल्लवी कुमारी | Published: March 8, 2018 01:39 PM2018-03-08T13:39:05+5:302018-03-08T13:42:20+5:30
मृतका के पति का आरोप है कि आरोपी जान से मारने की धमकी देते रहते थे लेकिन पुलिस केस वापस लेने का दबाव बना रही थी।
लखनऊ, 8 मार्च; उत्तर प्रदेश के बरेली में महिला दिवस के दिन ही एक इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक 30 वर्षीय गैंगरेप पीड़िता ने आत्महत्या कर ली है। सितंबर साल 2017 में चार लोगों ने महिला के साथ गैंगरेप किया था। सिर्फ इतना ही नहीं पीड़िता की इसके बाद आरोपियों ने बेहरहमी से पिटाई भी की थी।
पहले भी कर चुकी है आत्महत्या का प्रयास
इंसाफ की राह देखते हुए पीड़िता ने 16 फरवरी को अपने पति के साथ एसएसपी ऑफिस के सामने सुसाइड करने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने उस वक्त महिला को यह भरोसा दिलाया कि वह जल्द कार्रवाई करेंगे। लेकिन बाद में फिर कोई एक्शन नहीं लिया गया। महिला का शव बुधवार 7 मार्च को तहसील के नाथूपुर गांव में अपने घर में पंखे से लटका मिला।
क्या कहती है पुलिस
एसपी ग्रामीण ख्याति गर्ग ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि महिला ने पति से परेशान होकर आत्महत्या की है। पीड़िता के भाई ने इस बात की पुष्टि की है। पुलिस का कहना है कि उसका पति हमेशा उसकी पिटाई करता था। शव को फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट के बाद महिला की मौत का कारण पता चल सकेगा। फिलहाल पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पति का ये है आरोप
मृतका के पति का आरोप है कि 8 सितंबर 2017 को पवन, निरंजन, जगदीश और शंकरलाल ने उसकी पत्नी के साथ गैंगरेप किया था। आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देते रहते थे। लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं थी। हम पर दबाव बनाया जा रहा था कि हम केस वापस ले लें।
केस में है एक और ट्विस्ट
पुलिस ने महिला से पूछताछ के बाद एफआईआर दर्ज की थी। आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था। जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई। वहीं जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि गैंगरेप का मामला झूठा था। आरोपियों के ऊपर से रेप की सारी धारा हटा दी गई थी।