बदायूं: मवेशियों के वध के आरोप में यूपी पुलिस ने युवक के प्राइवेट पार्ट में डाला डंडा, थाने में दिया करंट का झटका, 4 पुलिसवालों पर मामला दर्ज
By आजाद खान | Published: June 6, 2022 11:16 AM2022-06-06T11:16:51+5:302022-06-06T11:22:49+5:30
इस पर बोलते हुए एसपी प्रवीण सिंह चौहान ने कहा, “प्रारंभिक जांच के दौरान पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप सही पाए गए। हमने उनके खिलाफ गलत तरीके से बंधक बनाने और प्रताड़ित करने का मामला दर्ज किया है।”
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बदायूं पुलिस द्वारा एक शख्स को बेरहमी से प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि युवक के घर वालों ने पुलिस वालों पर आरोप लगाया है कि उन लोगों ने पीड़ित को बहुत ही बुरी तरीके से मारा है और उसे बिजली के शक्क भी दिए है। पीड़ित की हालत बहुत ही नाजुक है और उसके इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस घटना की जांच करने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि पीड़ित को पुलिस वालों ने बहुत ही बेरहमी से प्रताड़ित किया है। मामले की आगे जांच हो रही है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, यह घटना उत्तर प्रदेश के बदायूं पुलिस थाना का है जहां पर 20 साल के एक युवक को कुछ पुलिस वालों ने मिलकर बहुत टॉर्चर किया है। पुलिस वालों ने मवेशी वध के आरोप में युवक को पकड़ा था और उस पर अत्याचार कर रहे थे।
मामले में पीड़ित के मां ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों, एक पुलिस चौकी प्रभारी, चार कांस्टेबल और दो ‘अज्ञात’ व्यक्तियों ने मिलकर उसके बेटे को प्रताड़ित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन लोगों ने उसके बेटे के मलाशय के अंदर एक डंडे से वार करते हुए उसे बिजली के झटके भी दिए है। इस घटना के बाद युवक की हालात बहुत ही खराब हो गई है और वह न किसी से सही से बात कर पा रहा है और न ही वह सही से चल पा रहा है।
पुलिस पर कथित तौर पर बाद में पांच हजार रुपए लेकर युवक के छोड़ने का भी आरोप लग रहा है।
शुरुआती जांच में पुलिस वालों पर आरोप तय
आपको बता दें कि मामले की खबर मिलने के बाद एसएसपी ओपी सिंह ने दातागंज के सर्कल अधिकारी प्रेम कुमार थापा को पुलिस द्वारा जांच करने का आदेश दिया है। वहीं इस पर बोलते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) (शहर) प्रवीण सिंह चौहान ने कहा, “प्रारंभिक जांच के दौरान पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप सही पाए गए। हमने उनके खिलाफ गलत तरीके से बंधक बनाने और प्रताड़ित करने का मामला दर्ज किया है। हम पीड़ित के लिए सर्वोत्तम संभव इलाज सुनिश्चित करने के लिए परिवार का समर्थन भी कर रहे हैं।”
वहीं इस मामले में युवक के घर वालों ने थाना प्रभारी समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
इलाज के लिए पुलिस ने दिए 100 रुपए- युवक के परिवार वालों का दावा
एनडीटीवी की एक खबर के मुताबिक, पीड़ित के परिवार वालों ने यह आरोप लगाया है कि इस घटना के बाद पुलिस वालों ने उन्हें सौ रुपए देकर पीड़ित की इलाज करवाने की बात कही है। पेशे से युवक एक अंशकालिक सब्जी विक्रेता को बार बार दौरे पड़ रहे है और वह न सही से चल पा रहा है और न ही वह किसी से बात कर पा रहा है। मामले में फिलहाल चार पुलिस वाले अभी तक सस्पेंड हुए है और घटना की आगे जांच हो रही है।