बेटी के हत्यारे ने जेल से बचने के लिए मजदूर की जान ली, खुद को मृत दिखाने के लिए उसको जलाकर मार डाला; पत्नी के हाव-भाव से खुल गया राज
By आजाद खान | Published: December 12, 2021 02:03 PM2021-12-12T14:03:13+5:302021-12-12T14:09:51+5:30
पुलिस के सामने पत्नी ने कहा कि मृतक उसका पति है, लेकिन उसके बोलने और रोने के अंदाज से पता चल गया कि वह पति को बचाने के लिए नाटक कर रही है।
क्राइम अलर्ट: अपनी 13 वर्षीय बेटी के कत्ल के आरोप में जेल में बंद अभियुक्त पिछली मई में पेरोल पर छूटा तो घर आकर उसने कई महीने बाद दूसरा अपराध कर दिया। पेरोल की अवधि खत्म होने पर फिर से जेल जाने से बचने के लिए उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर खुद को मृत दिखाने की साजिश रची। हालांकि पुलिस को उसकी साजिश का पता चल गया और वह फिर से गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इस फर्जीवाड़े में उसने एक मजदूर की जान ले ली। यानी एक अपराध की सजा से बचने के लिए दूसरा अपराध कर डाला। अब दोनों अपराधो की सजा भुगतनी होगी।
गाजियाबाद के लोनी इलाके में मिला था जला हुआ शव
गाजियाबाद पुलिस को कुछ दिन पहले लोनी इलाके में एक जला हुआ शव मिला। उसका चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत था। शव की जेब से मिले आधार कार्ड के पते पर संपर्क किया गया तो वह आरोपी सुदेश कुमार का था। पुलिस वहां पहुंची तो उसकी पत्नी अनुपमा मिली। अनुपमा को लेकर पुलिस शव दिखाने ले गई तो उसने कहा कि यह उसके पति सुदेश का शव है, लेकिन उसके हावभाव से पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने सुदेश के बारे में थाने से पता किया तो मालूम हुआ कि वह 2018 में बेटी की हत्या का आरोपी है और इस समय पेरोल पर छूटा है।
मजदूर को घर बुलाकर पिलाई शराब और कर दिया कत्ल
जांच पड़ताल के बाद सुदेश फिर से पकड़ा गया तो उसने कड़ी पूछताछ में सारी साजिश को उगल दिया। उसने बताया कि वह शव एक मजदूर की है, जिसकी उसने खुद ही जलाकर हत्या कर दी और उसकी जेब में अपना आधार कार्ड रख दिया, जिससे पुलिस मान ले कि मैं ही जलकर मर गया और मुझे दोबारा जेल न जाना पड़े। मजदूर का नाम डोमन रविदास है, जिसको उसने काम के बहाने घर पर बुलाया और शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी सुदेश कुमार और उसकी पत्नी अनुपमा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।