उज्जैन: दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी करते चार लोग हुए गिरफ्तार, कछुओं को पुलिस ने वन विभाग को सौंपा
By बृजेश परमार | Published: June 11, 2022 09:51 PM2022-06-11T21:51:34+5:302022-06-11T21:59:00+5:30
मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने गुणावदा गांव में छापा मारकर दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया और इस मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
उज्जैन:मध्य प्रदेश के इंगोरिया में पुलिस ने गुणावदा गांव में छापा मारकर दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया और इस मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पकड़े गये आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उन्होंने इन दुर्लभ कछुए को एक कुएं से पकड़कर लाए हैं। मामले में तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने फौरन वन विभाग के अधिकारियों को बुलाया और आरोपियों के कब्जे से लिए गये दुर्लभ कछुए को सौंप दिया। उसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में जानकारी देते हुए टीआई पृथ्वीसिंह खलाटे ने बताया कि शुक्रवार की रात गुणावदा गांव के लोगों ने सूचना दी कि गांव में कुछ लोग एक झोला लेकर बैठे हैं, जिसमें काफी बड़ा कछुआ है। जिसे वह किसी को 10 हजार रुपये में बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
इस सूचना के आधार पर पुलिस फौरन मौके पर पहुंची और वहां उसने 53 साल के मोहनलाल को पकड़ा, जो राजस्थान के झालावाड़ का रहने वाला है। वहीं उसके साथ पका गया उसका दूसरे साथी का नाम गणेश है, जो झाबुआ के मोहनपुरा पेटलावद का रहने वाला है। तीसरे शख्स की पहचना शंकर के तौर पर हुई, जो पेटलावद के छोटी बोसाला का रहने वाला है। इसके अलावा गिरफ्तार किया गया चौथे शख्स का नाम विजय है, जो झाबुआ के नयागान का रहने वाला है।
पुलिस ने चारों आरोपियों के पास के एक दुर्लभ कछुआ बरामद किया है। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो दो लोगों से इस कुछुए की सौदेबाजी 10 हजार रुपये में कर रहे थे। लेकिन ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी होने के कारण खरीदार दोनों शख्स मौके से फरार हो गये।
टीआई खलाटे के अनुसार मामला दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव से संबंधित होने के कारण पुलिस ने फौरन मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी। जिसके बाद उज्जैन से रेंजर कौशांबी झा और उनकी टीम इंगोरिया आई थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से लिये गये कछुए को वन विभाग के अधिकारियों के हवाले कर दिया। जिन्होंने कछुए को वापस जंगल में छोड़ दिया।