बोधगया ब्लास्ट मामला: एनआईए कोर्ट ने आखिरी दोषी को सुनाई 10 साल की सजा, जानिए पूरा मामला

By एस पी सिन्हा | Published: February 11, 2022 08:25 PM2022-02-11T20:25:04+5:302022-02-11T21:08:27+5:30

पटना की एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने अपने फैसले में आखिरी दोषी जेहिदुल इस्लाम को विस्फोट की साजिश में शामिल होने के लिए 10 साल की कैद के साथ 41 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

The court also sentenced the last convict who conspired to kill the Dalai Lama to 10 years, know the whole matter | बोधगया ब्लास्ट मामला: एनआईए कोर्ट ने आखिरी दोषी को सुनाई 10 साल की सजा, जानिए पूरा मामला

बोधगया ब्लास्ट मामला: एनआईए कोर्ट ने आखिरी दोषी को सुनाई 10 साल की सजा, जानिए पूरा मामला

Highlightsदोषी जेहिदुल इस्लाम आखिरी साजिशकर्ता था, जिसे पटना की एनआईए कोर्ट ने सजा सुनाई हैसाजिश में शामिल अन्य आठ आरोपियों ने खुद ही कोर्ट में अपना गुनाह कबूल लिया था पुलिस एवं अन्‍य सुरक्षा एजेंसियों की तत्‍परता से गया बम धमाकों की यह साजिश टल गई थी

पटना:बिहार के बोधगया में जनवरी 2018 में होने वाले बम धमाकों के आखिरी साजिशकर्ता को भी पटना की एनआईए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाकर इस मामले का अंत कर दिया है। जानकारी के मुताबिक इन बम धमाकों को 14वें बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के कार्यक्रम में किया जाना था और इसे कथित तौर पर उनकी हत्या के उद्देश्य से किया जाना था।

इस मामले में एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने अपने फैसले में आखिरी दोषी जेहिदुल इस्लाम को विस्फोट की साजिश में शामिल होने के लिए 10 साल की कैद के साथ 41 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस बमकांड के अन्य साजिशकर्ताओं को कोर्ट पहले ही सजा सुना चुकी है।

दोषी जेहिदुल इस्लाम इस मामले में आखिरी मुजरिम था, जिसे जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा ने सजा सुनाई है। जानकारी के मुताबिक जेहादुल इस्लाम बांग्लादेश का रहने वाला है और इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ दोषी था, लेकिन इसके अपना गुनाह शुरू में कबूल नहीं किया था।

इस वजह से कोर्ट ने मामले में शामिल अन्य आरोपियों को सजा तो दे दी थी लेकिन जेहिदुल सजा से बचा हुआ था। जानकारी के मुताबिक घटना में शामिल अन्य आठ आरोपियों ने खुद कोर्ट में लिखित आवेदन देकर अपना गुनाह कबूल लिया था लेकिन जेहादुल ने दोष मानने से इनकार कर दिया था।

लेकिन अन्य गुनहगारों को सजा सुनाए जाने के बाद उसे समझ में आ गया कि वो मामले में बच नहीं सकता है तो उसने भी अपना इरादा बदलते हुए गुनाह को स्वीकार कर लिया।

मालूम हो कि बिहार के गया में बौद्धों के प्रसिद्ध तीर्थ बोधगया में धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु और 14वें दलाई लामा को एक कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम स्‍थल और और आसपास अन्‍य कई जगहों पर बम धमाके करने की साजिश रची गई थी।

हालांकि पुलिस और अन्‍य सुरक्षा एजेंसियों की तत्‍परता से आतंकियों की यह साजिश विफल हो गई थी। इस मामले में पिछले साल 26 दिसंबर को एनआईए कोर्ट ने आठ में से तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, वहीं बाकी के पांच अन्य को कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी।

अब आखिरी गुनहगार जेहिदुल इस्लाम के सजा मिलने से इस मामले में सभी दोषियों की सजा का फैसला पूरा हो गया है और इस तरह मामले के सभी दोषी सजायाफ्ता मुजरिम के तौर पर सलाखों के पीछे अब अपनी सजा को पूरी करेंगे।

Web Title: The court also sentenced the last convict who conspired to kill the Dalai Lama to 10 years, know the whole matter

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