RPF ने कंफर्म टिकट कराने में इस्तेमाल होने वाले ‘रीयल मैंगो’ सॉफ्टवेयर का किया भंडाफोड़, 50 लोगों की हुई गिरफ्तारी

By भाषा | Published: September 8, 2020 09:09 PM2020-09-08T21:09:03+5:302020-09-08T21:09:03+5:30

इस अवैध सॉफ्टपवेयर के पांच अहम संचालक पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किये हैं। अब इस सॉफ्टवेयर को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।

RPF busted 'real mango' software used to get confirmed tickets, 50 people arrested | RPF ने कंफर्म टिकट कराने में इस्तेमाल होने वाले ‘रीयल मैंगो’ सॉफ्टवेयर का किया भंडाफोड़, 50 लोगों की हुई गिरफ्तारी

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsइस गोरखधंधे पर तब नजर गयी जब पता चला कि इस सॉफ्टवेयर का डेवलपर अपने उत्पाद के प्रचार के लिए यूट्यूब इस्तेमाल करता है।यात्री सेवाएं बहाल होने के बाद दलाली गतिविधि बढ़ने की आशंका से दलालों के खिलाफ आरपीएफ ने अभियान तेज किया।सिस्टम डेवलपर इस गिरोह का सरगना है और प्रबंधक इस सॉफ्टवेयर के संचालन में शामिल थे।

नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान कंफर्म्ड ट्रेन आरक्षण टिकट हथियाने के लिए अवैध सॉफ्टवेयर ‘रीयल मैंगो’ का इस्तेमाल किये जाने का पता लगाया और पश्चिम बंगाल, असम, बिहार एवं गुजरात से 50 गिरफ्तारियां की।

आरपीएफ के महानिदेशक अरूण कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अवैध सॉफ्टवेयर के कामकाज को खंगालने से सामने आया कि स्वचालित ढंग से टिकट बुक करने के लिए यह (सॉफ्टवेयर) कैप्चा की अनदेखी करता है और मोबाइल एप की मदद से बैंक ओटीपी का समेकन कर उसे जरूरी प्रपत्र (फार्म) में डाल देता है।

यह फार्म में अपने आप ही यात्री एवं उसके भुगतान का विवरण भी डाल देता है। उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘यह सॉफ्टवेयर विभिन्न आईआरसीटीसी आईडी के जरिए आईआरसीटीसी वेबसाइट में लॉगइन करता है। अवैध सॉफ्टवेयर पांच स्तरीय ढांचे में बेचा जाता है और सिस्टम एडमिन को बिटक्वाइन में भुगतान होता है।’’

कुमार ने कहा कि आरपीएफ की क्षेत्रीय इकाइयां सिस्टम डेवलपर और अहम प्रबंधकों समेत अबतक 50 लोगों को गिरफ्तार करने में तथा पांच लाख रूपये से अधिक मूल्य के टिकटों को रोकने में कामयाब रही हैं। सिस्टम डेवलपर इस गिरोह का सरगना है और प्रबंधक इस सॉफ्टवेयर के संचालन में शामिल थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस अवैध सॉफ्टपवेयर के पांच अहम संचालक पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किये हैं। अब इस सॉफ्टवेयर को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।’’ इस गोरखधंधे पर तब नजर गयी जब पता चला कि इस सॉफ्टवेयर का डेवलपर अपने उत्पाद के प्रचार के लिए यूट्यूब इस्तेमाल करता है। फिर इस लोकप्रिय वीडियो साझा मंच के आंकड़े के विश्लेषण से गिरोह के अहम सदस्यों का पता चला।

कुमार ने बताया कि यात्री सेवाएं बहाल होने के बाद दलाली गतिविधि बढ़ने की आशंका से दलालों के खिलाफ बल ने अभियान तेज किया। उन्होंने कहा, ‘‘ ‘रेयर मैंगो (जिसका नाम बाद में बदलकर रीयल मैंगो कर दिया गया) के संचालन का पता आरपीएफ की क्षेत्रीय इकाइयों द्वारा दलालों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान नौ अगस्त को चला।’’  

Web Title: RPF busted 'real mango' software used to get confirmed tickets, 50 people arrested

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