पटना के बेऊर जेल में छापेमारी, तीन मोबाइल फोन और चार्जर बरामद, 33 दिनों के अंदर दूसरी बार कार्रवाई
By एस पी सिन्हा | Published: April 8, 2021 09:53 PM2021-04-08T21:53:56+5:302021-04-08T21:54:46+5:30
पटना स्थित बेऊर के नए जेल अधीक्षक ने जेल में छापेमारी की. 33 दिनों के अंदर की गई दूसरी बार छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल फोन और चार्जर बरामद किया गया.
पटनाः बिहार में जेलों से संचालित अपराध पर अंकुश लगाये जाने के प्रशासन के सारे कवायद धरे के धरे रह जाते हैं और अपराधी जेल में बैठकर ही आपरधिक घटनाओं को अंजाम दिला देते हैं.
जेल से संचालित अपराधी राज्य में हत्या, लूट और छिनतई की घटना को अंजाम दिलवा रहे हैं. इस पर अंकुश लगाने के लिए राजधानी पटना स्थित बेऊर के नए जेल अधीक्षक ने जेल में छापेमारी की. 33 दिनों के अंदर की गई दूसरी बार छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल फोन और चार्जर बरामद किया गया.
जानकारी के अनुसार जेल प्रशासन ने सुबह छह बजे सभी बैरकों को खंगाला. इस दौरान गोदावरी और यमुना खंड में मोबाइल फोन बरामद किया गया. छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल फोन समेत कई आपत्तिजनक सामान बरामद किये गए है. इस मामले को लेकर बेऊर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. वहीं जेल के 20 कक्षपालों का तबादला भी कर दिया गया है.
जबकि दो इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की. आज अचानक की गई इस कार्रवाई से कैदियों के बीच हडकंप मच गया. वहीं, अब जेल आईजी मिथिलेश मिश्र ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि जेल में अधीक्षक को छोड़ कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मोबाइल नहीं ले जा सकते. अधीक्षक भी मोबाइल अपनी जिम्मेदारी पर ले जाएंगे.
इसके अलावा ड्यूटी के दौरान उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक समेत कोई भी पदाधिकारी और कर्मी अपना मोबाइल जेल के अंदर नहीं ले जाएंगे. यह सुनिश्चित करना अधीक्षक की जिम्मेवारी होगी. ऐसा करने में विफल होने पर उनपर कार्रवाई हो सकती है.
आदेश के मुताबिक अक्सर ड्यूटी के दौरान उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक, लिपिक, चिकित्सा पदाधिकारी, पारा मेडिकल स्टॉफ, प्रोग्रामर और कम्प्यूटर ऑपरेटर मोबाइल फोन अपने साथ रखते हैं. यह कारा की सुरक्षा के लिए सही नहीं है. उन्होंने तत्काल प्रभाव से इसपर रोक लगाने का आदेश दिया है.