पालघर मॉब लिंचिंग मामलाः प्रदेश के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा- IG स्तर के अधिकारी कर रहे जांच, मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की गई
By रामदीप मिश्रा | Published: April 22, 2020 10:22 AM2020-04-22T10:22:54+5:302020-04-22T10:31:43+5:30
Palghar Mob Lynching Case:यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात दो साधु सहित तीन लोग मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे। इसी दौरान, पालघर जिले में भीड़ ने इन्हें चोर समझकर उनके वाहन को रोक लिया और उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
मुंबईः महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के संदेह में दो साधुओ सहित तीन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद मामले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिए। हालांकि इस दर्दनाक घटना पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए। इस बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि सीआईडी के एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि पुलिस ने अपराध के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज वॉट्सऐप के जरिए आरोपियों के नाम जारी कर रहे हैं, उस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है।
उन्होंने कहा कि वीडियो में एक आवाज सुनाई दी है 'ओये बास', लोगों ने इसे ऑनलाइन प्रसारित किया और कुछ लोगों ने इसे 'शोएब बस' कहा। सभी राज्य तंत्र महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की।
There was a sound heard in the video 'Oye Bas', people circulated it online and some called it 'Shoeb Bas'. All state mechanism is fighting the pandemic & some people tried to bring communal angle in this matter: Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh on Palghar incident https://t.co/0S1RTsByMJ
— ANI (@ANI) April 22, 2020
इससे पहले उन्होंने जांच का आदेश दिए जाने की जानकारी देते हुए था कि इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं दे। देशमुख ने ट्वीट करते हुए कहा था कि सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात दो साधु सहित तीन लोग मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे। इसी दौरान, पालघर जिले में भीड़ ने इन्हें चोर समझकर उनके वाहन को रोक लिया और उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।