Nirbhaya Rape Murder Case: मौत की सजा पाने वाले दोषियों का बदला बर्ताव, मां से मिलने के बाद खूब रोया मुकेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 12, 2020 01:33 PM2020-01-12T13:33:46+5:302020-01-12T13:34:04+5:30

उल्लेखनीय है कि 23 साल की पारामेडिक छात्रा निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर की रात 2012 में दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में एक चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था ।

Nirbhaya Rape Murder Case: Mukesh Singh cries a lot after meeting his mother | Nirbhaya Rape Murder Case: मौत की सजा पाने वाले दोषियों का बदला बर्ताव, मां से मिलने के बाद खूब रोया मुकेश

Nirbhaya Rape Murder Case: मौत की सजा पाने वाले दोषियों का बदला बर्ताव, मां से मिलने के बाद खूब रोया मुकेश

Highlightsबाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में निर्भया की मौत हो गयी थी । गौरतलब है कि अदालत ने जिन चार लोगों को फांसी पर लटकाने का हुक्म दिया है उनमें से एक अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है जो बस में क्लीनर था। 

निर्भया बलात्कार मामले के दोषियों को फांसी की सजा का समय और वक्त तय हो चुका है। चारों दोषियों- मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी है। फांसी की सजा के ऐलान के बाद इन दोषियों को मौत का डर नहीं सता रहा है। इनके बर्ताव में भी काफी बदलाव हुआ है।

नव भारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चारों दोषियों में से तीन दोषी हिंसा के रास्ते में अब भी हैं, जबकि चौथा दोषी शांत बैठा है।  वहीं, दोषी मुकेश सिंह को उसकी मां से मिलने की इजाजत दी गई। बताया जा रहा था कि मां से मिलने के बाद मुकेश भावुक हो गया और रोने लगा। रिपोर्ट्स में जेल के सुत्रों के हवाले बताया गया है कि दोषी मुकेश सिंह, अक्षय और पवन के व्यवहार में बिल्कुल बदलाव नहीं हुआ है। ये तीनों जेल कर्मी से किसी भी बात पर बहस भी करने लगे हैं। 

बताया जा रहा है कि खाना को लेकर हुई लड़ाई में तीनों दोषियों से जेल कर्मी की कहासुनी हुई और नौबत हाथापाई तक आ गई थी। वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक विनय शर्मा बिल्कुल शांत बैठा है। 

दोषियों को दी जाएंगी धार्मिक किताबें

वहीं, जेल प्रशासन ने उनके मन को शांत करने के लिए धार्मिक किताबें मुहैया कराई जाएंगी। समय-समय पर उनके स्वास्थ्य की जांच हो रही है ताकि फांसी के लिए उनका वजन ठीक हो जाए।    

उल्लेखनीय है कि 23 साल की पारामेडिक छात्रा निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर की रात 2012 में दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में एक चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था । बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में निर्भया की मौत हो गयी थी । गौरतलब है कि अदालत ने जिन चार लोगों को फांसी पर लटकाने का हुक्म दिया है उनमें से एक अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है जो बस में क्लीनर था। 

Web Title: Nirbhaya Rape Murder Case: Mukesh Singh cries a lot after meeting his mother

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