निर्भया केस: जिस दिन पीड़िता के साथ दरिंदगी हुई, उसी दिन चारों दोषियों को दी जा सकती है फांसी, फंदे के लिए यहां तैयार हो रही रस्सी
By एसके गुप्ता | Published: December 10, 2019 07:48 AM2019-12-10T07:48:01+5:302019-12-10T07:51:00+5:30
तिहाड़ जेल प्रशासन 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई और कोर्ट के निर्देश का इंतजार कर रहा है. जिसके बाद निर्भया के साथ दरिंदगी करने वालों को जेल प्रशासन ब्लैक वारंट जारी कर फांसी पर चढ़ाने की जानकारी देगा.
निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले गुनहगारों को जल्द फांसी हो सकती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्बारा दोषियों की क्षमा याचिका खारिज कर दी गई है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि जिस दिन निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी उसी दिन यानि 16 दिसंबर को या फिर जिस दिन निर्भया की मौत हुई थी यानि 29 दिसंबर को चारों दोषियों को फांसी दी जाएगी. यह निर्णय निर्भया की सातवीं बरसी को ध्यान में रखकर हो सकता है.
फांसी के लिए बक्सर जेल में विशेष तरह से तैयार होने वाली मनीला रस्सी का इस्तेमाल किया जाएगा. तिहाड़ जेल प्रशासन 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई और कोर्ट के निर्देश का इंतजार कर रहा है. जिसके बाद निर्भया के साथ दरिंदगी करने वालों को जेल प्रशासन ब्लैक वारंट जारी कर फांसी पर चढ़ाने की जानकारी देगा.
तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा है कि अक्सर लोगों में यह धारणा होती है कि मरने वाले की आखिरी इच्छा पूरी की जाती है. यह रवायत केवल फिल्मों में ही दिखाई जाती है. हकीकत यह है कि फांसी की सजा वाले अपराधी को फांसी से पहले इस बात की इजाजत होती है कि वह अपने परिवार के किसी सदस्य से मिल सकता है या कुछ पढ़ना-लिखना चाहता है या अपनी संपति किसी के नाम करना चाहता है तो इस बारे में वह जेल प्रशासन को सूचित करेगा. लेकिन यह सब फांसी के तय समय से पहले होना जरूरी है. जिससे फांसी वाले कैदी को तय समय पर फांसी दी जा सके.
जहां तक ब्लैक वारंट की बात है तो इसमें कैदी को सूचना दी जाती है कि उसे किस समय और किस तारीख को फांसी दी जाएगी.
निर्भया के दोषियों के लिए बक्सर में तैयार हो रही रस्सी
निर्भया के चारों गुनाहगारों को बक्सर जेल में बन रहे फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. बक्सर केंद्रीय कारा को फांसी के फंदे तैयार करने का निर्देश मिल चुका है. जहां 10 फांसी के फंदे तैयार किए जा रहे हैं. रस्सी को बनाने के लिए खास विधि अपनाई जाती है. पहले कच्चे सूत से एक-एक कर अठारह धागे तैयार किए जाते हैं. सभी को मोम में पूरी तरह संतृप्त किया जाता है. इसके बाद सभी धागों को मिलाकर एक मोटी रस्सी तैयार की जाती है.
एक फांसी के लिए अठारह फीट रस्सी तैयार की जाती है. यहीं की मनीला रस्सी से अफजल और कसाब को भी फांसी दी गई थी. देश में केवल बक्सर जेल में ही फांसी देने की खास रस्सी तैयार होती है. फैक्ट्री लॉ में बक्सर केंद्रीय कारा को छोड़कर इस क्वालिटी की रस्सी के निर्माण पर पूरे देश में प्रतिबंध है.
मेरठ के पवन जल्लाद से किया जा रहा है संपर्क
तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि तिहाड़ में पिछली फांसी पवन जल्लाद ने दी थी, यह मेरठ का रहने वाला है. जिसने फरवरी 2013 में संसद हमले के दोषी अफजल को फांसी दी थी. निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए भी पवन जल्लाद से ही संपर्क किया जा रहा है. क्योंकि देश में गिने-चुने जल्लाद ही बचे हैं.