निर्भया मामला: मृत्युदंड पाए दो दोषियों की माताएं अपने घरों में चुप और उदास रहीं

By भाषा | Published: March 21, 2020 06:05 AM2020-03-21T06:05:42+5:302020-03-21T06:05:42+5:30

शुक्रवार दोपहर को रविदास कैंप इलाके में पुलिसबल तैनात दिखा। पड़ोसियों ने भी गुस्सा जाहिर किया। कालोनी में जाने वाले मुख्य संकरे रास्ते को ठेलों से बंद किया गया था और पड़ोस के लोग सुरक्षात्मक रूप से दोनों महिलाओं के आसपास खड़े थे।

Nirbhaya case: Mothers of two convicts remain silent and depressed in their homes | निर्भया मामला: मृत्युदंड पाए दो दोषियों की माताएं अपने घरों में चुप और उदास रहीं

निर्भया केस के चारों दोषियों को शुक्रवार को फांसी दी गई। (फाइल फोटो)

Highlightsफांसी की सजा पाए निर्भया मामले के चार दोषियों में शामिल विनय शर्मा और पवन गुप्ता की माताएं शुक्रवार को अपने घरों में चुप और उदास दिखीं।दक्षिण दिल्ली के झुग्गी इलाके रविदास कैंप से कुछ ही किलोमीटर दूर तिहाड़ जेल में इनके बेटों को सुबह 5:30 बजे फांसी दी गई और ये दोनों अपने घरों के बाहर बेटों के शव का इतंजार करती रहीं।

फांसी की सजा पाए निर्भया मामले के चार दोषियों में शामिल विनय शर्मा और पवन गुप्ता की माताएं शुक्रवार को अपने घरों में चुप और उदास दिखीं। दक्षिण दिल्ली के झुग्गी इलाके रविदास कैंप से कुछ ही किलोमीटर दूर तिहाड़ जेल में इनके बेटों को सुबह 5:30 बजे फांसी दी गई और ये दोनों अपने घरों के बाहर बेटों के शव का इतंजार करती रहीं।

ये दोनों दोषी उन छह लोगों में शामिल थे, जिन्होंने 16 दिसंबर 2012 को एक 23 वर्षीय युवती से बलात्कार किया था, जिसके करीब एक पखवाड़े बाद उसकी मौत हो गई थी।

शुक्रवार दोपहर को रविदास कैंप इलाके में पुलिसबल तैनात दिखा। पड़ोसियों ने भी गुस्सा जाहिर किया। कालोनी में जाने वाले मुख्य संकरे रास्ते को ठेलों से बंद किया गया था और पड़ोस के लोग सुरक्षात्मक रूप से दोनों महिलाओं के आसपास खड़े थे।

पवन की मां आसमान को ताक रही थी और उसके आंसू बह रहे थे। विनय की मां भी उसके बगल में चुप बैठी थी और लंबे समय से उनके पड़ोस में रहने वाले लोग सांत्वना दे रहे थे।

शोकाकुल मां के बगल में बैठी एक महिला ने कहा, ''इतने साल कोई हमारा दुख जानने नहीं आया, अब क्यों आ रहे हैं।''

इस कालोनी में एक नाबालिग समेत चार दोषियों के घर हैं। इनमें से एक दोषी राम सिंह ने कथित तौर पर तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि नाबालिग को बाल सुधार गृह में कुछ समय रखा गया था। राम सिंह और मुकेश सिंह की विधवा मां इलाका छोड़कर राजस्थान चली गई थी।

Web Title: Nirbhaya case: Mothers of two convicts remain silent and depressed in their homes

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