निर्भया गैंगरेप: 8 साल बाद दोषी मुकेश का चौंकाने वाला दावा- वारदात की रात दिल्ली में था ही नहीं, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
By भाषा | Published: March 17, 2020 02:19 PM2020-03-17T14:19:56+5:302020-03-17T14:19:56+5:30
Nirbhaya Gangrape: साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई।
नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की, मौत की सजा को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा जल्द ही इस पर फैसला सुनाएंगे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष दायर इस याचिका में दावा किया गया कि मुकेश को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था और उसे 17 दिसंबर, 2012 को दिल्ली लाया गया था। साथ ही इसमें कहा गया है कि मुकेश 16 दिसंबर को शहर में मौजूद नहीं था जब यह अपराध हुआ था।
A Delhi Court reserves order on plea of one of convicts in 2012 Delhi gangrape case, Mukesh seeking quashing of death penalty claiming that he was not in Delhi when the gangrape incident took place.
— ANI (@ANI) March 17, 2020
लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि दोषी मुकेश की मौत की सजा के खिलाफ दायर यह याचिका बेमतलब है और यह सजा की तामील में विलंब कराने का एक तिकड़म है। याचिका में यह भी आरोप लगाया कि मुकेश सिंह को तिहाड़ जेल के भीतर प्रताड़ित किया गया।
पांच मार्च को निचली अदालत ने मामले के चार दोषियों - मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए मृत्यु वारंट जारी किया था।