नीरव मोदी ने मुझसे कहा कि वह मुझे मरवा डालेगा: ब्रिटिश कोर्ट में पेश वीडियो में नकली निदेशक ने कहा
By भाषा | Published: May 14, 2020 05:44 AM2020-05-14T05:44:47+5:302020-05-14T05:44:47+5:30
इस सप्ताह सुनवाई के दौरान लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में दिखाये गये इस वीडियो में छह भारतीयों को सुना जा सकता है। उनमें से हरेक ने दुबई छोड़ने और मिस्र के काहिरा आने के लिए मजबूर करने के आरोप लगाये हैं।
धोखाधड़ी एवं धनशोधन के आरोपों से घिरे हीरा व्यापारी नीरव मोदी से जुड़ी कंपनियों से संबद्ध तथाकथित ‘नकली निदेशकों’ द्वारा बनाये गये वीडियो में चोरी में फंसाये जाने या हत्या करवाये जाने की धमकी जैसे आरोप हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने यह वीडियो नीरव के खिलााफ चल रही प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान ब्रिटेन की एक अदालत में सौंपा। इस सप्ताह सुनवाई के दौरान लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में दिखाये गये इस वीडियो में छह भारतीयों को सुना जा सकता है। उनमें से हरेक ने दुबई छोड़ने और मिस्र के काहिरा आने के लिए मजबूर करने के आरोप लगाये हैं।
उनके अनुसार वहां उनके पासपोर्ट जब्त कर लिये गये और उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ नीरव के भाई नेहाल मोदी ने संदिग्ध कागजातों पर कथित रूप से दस्तखत कराये।
एक व्यक्ति वीडियो में कह रहा है, ‘‘ मेरा नाम आशीष कुमार मोहनभाई लाड है, मैं सनसाइन जेम्स लिमिटेड, हांगकांग और दुबई के यूनिटी ट्रेडिंग फजे में हमनाम मालिक हूं।’’’ उसने कहा, ‘‘ नीरव मोदी ने मुझे फोन किया और मुझसे कहा कि वह मुझे चोरी में फंसा देगा। उसने भद्दे शब्द इस्तेमाल किये.... मुझसे कहा कि वह मुझे मरवा डालेगा....।’’ यह वीडियो जून, 2018 का है।
भारत सरकार ने धन शोधन मामले में नीरव मोदी के खिलाफ और सबूत जमा किये
भारत सरकार ने बुधवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ धोखधड़ी और धन शोधन के मामले में यहां की एक अदालत में सबूतों के तौर पर और दस्तावेज जमा किये। नीरव लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है।
डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी ने दस्तावेज देरी से जमा किये जाने पर चिंता जताई लेकिन उन्हें जमा करने के आवेदन पर विचार करने के लिए सहमति जता दी। इन दस्तावेजों में अधिकतर हीरा कारोबारी की कंपनियों से जुड़े बैंक दस्तावेज हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बारे में पूरी तरह उचित स्पष्टीकरण चाहिए कि पहले इन्हें साक्ष्यों के तौर पर क्यों नहीं पेश किया गया।’’
भारतीय अधिकारियों की तरफ से अदालत में पक्ष रखते हुए क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा कि न्यायाधीश के लिए नये सबूत देखना जरूरी नहीं है लेकिन दस्तावेज मामले को स्पष्ट करने में मदद करते हैं और नीरव मोदी के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी के आरोपों में पहले कही गयी बात का समर्थन करते हैं। लेकिन नीरव के बचाव दल ने दस्तावेज देरी से जमा किये जाने पर आपत्ति जताते हुए इसे बहुत परेशानी वाला और अत्यंत विवादास्पद कदम करार दिया।