भोपाल: मूक-बधिर लड़कियों से रेप के आरोप में NGO मालिक गिरफ्तार, पोर्न दिखा कपड़े उतारने को करता था मजबूर
By भाषा | Published: August 12, 2018 01:42 AM2018-08-12T01:42:35+5:302018-08-12T01:43:12+5:30
कांग्रेस ने मूक बधिर बालिका से दुष्कर्म के आरोपी छात्रावास के संचालक अश्विनी शर्मा को भाजपा और आरएसएस से जुडे़ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे राजनीतिक संरक्षण हासिल है, इसलिये मामले की जांच केंद्रीय जन्वेषण ब्यूरो से कराई जानी चाहिए।
नई दिल्ली, 12 अगस्त: भोपाल में एक मूक-बधिर छात्रावास में लड़कियों से रेप का मामला सामने आया है। दो सगी बहनों ने छात्रावास के संचालक अश्विनी शर्मा के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया है। केस दर्ज होने के बाद आरोपी संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वही कांग्रेस ने मूक बधिर बालिका से दुष्कर्म के आरोपी छात्रावास के संचालक अश्विनी शर्मा को भाजपा और आरएसएस से जुडे़ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे राजनीतिक संरक्षण हासिल है, इसलिये मामले की जांच केंद्रीय जन्वेषण ब्यूरो से कराई जानी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शोभा ओझा ने पत्रकार वार्ता में कहा, ‘‘भोपाल दुष्कर्म कांड का छात्रावास संचालक अश्विनी शर्मा संघ का कार्यकर्ता है। उसे मुख्यमंत्री का आर्शीवाद हासिल है। शर्मा भाजपा के मंत्रियों का नजदीकी है तथा एक वीडियो में वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आर्शीवाद लेता हुआ नजर आता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने इस मामले में जल्दी से एसआईटी जांच की घोषणा कर दी, हमें एसआईटी जांच पर भरोसा नहीं है । शर्मा को राजनीतिक सरंक्षण हासिल है इसलिये इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवानी चाहिए।’’
इस दौरान कांग्रेस ने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें आरोपी अश्विनी शर्मा एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पैर छू रहा है और चौहान उसके सर पर हाथ रखकर आर्शीवाद दे रहे हैं। इस पर ओझा ने कहा, ‘‘मुख्यमत्री चौहान बच्चियों के मामा बनने का ढोंग करते हैं, वहीं वे दुष्कर्म के आरोपी अश्विनी शर्मा के सिर पर हाथ रख कर उसे आर्शीवाद देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस कांड के सामने आते ही आरोपी का फेसबुक एकाउंट पूरा विलोपित कर दिया गया है ताकि उसके भाजपा और सत्ता से जुड़े नेताओं से संबंध छुपाये जा सके।
कांग्रेस ने सवाल किया कि मूक बधिर बालिका से दुष्कर्म के आरोपी पर पुलिस द्वारा की गई एफआईआर में सामान्य आरोपियों की तरह उम्र, पिता का नाम और उसका पता क्यों नहीं लिखा गया है तथा सरकार उसके एनजीओ का नाम क्यों छुपा रही है। ओझा ने कहा कि प्रदेश के 2-3 साल पहले सीहोर जिले के एक बालिका गृह में भी मूक बधिर बच्चियों के साथ बलात्कार की घटना हुई थी। तब भी मुख्यमंत्री चौहान ने जांच के आदेश और इस प्रकार की संस्थाओं के नियमित निरीक्षण की बात कही थी। लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ और मुख्यमंत्री ने अपने निर्देशों को कल फिर से दोहराया।
भोपाल पुलिस महानिरीक्षक जयदीप प्रसाद ने कांग्रेस के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘भाषा’ से कहा, ‘‘इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिये एसआईटी का गठन किया गया है, न कि किसी को बचाने के लिये। अभियोजन के लिये हम अदालत में चालान पेश करने के बेहद करीब हैं।’’
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