एनसीआरबी रिपोर्टः CAPF के 36 जवानों ने आत्महत्या की, पिछले साल 32,563 दिहाड़ी मजदूरों, 10,281 किसान ने दी जान

By भाषा | Published: September 2, 2020 10:08 PM2020-09-02T22:08:05+5:302020-09-02T22:08:05+5:30

वर्ष 2018 में सबसे कम 28 ऐसे मामले दर्ज किए गए जबकि 2014 में सबसे ज्यादा 175 मामले सामने आए। वर्ष 2017 में ऐसी घटनाओं की संख्या 60 थी जबकि 2016 में 74 और 2015 में 60 थी।

NCRB report 36 CAPF jawans committed suicide last year 32,563 daily laborers, 10,281 farmers gave their lives | एनसीआरबी रिपोर्टः CAPF के 36 जवानों ने आत्महत्या की, पिछले साल 32,563 दिहाड़ी मजदूरों, 10,281 किसान ने दी जान

गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। (file photo)

Highlightsआंकड़ों के अनुसार छह साल के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 433 कर्मियों ने आत्महत्या की।गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले सीएपीएफ में सात केंद्रीय सुरक्षा बल शामिल हैं।केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।

नई दिल्लीः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले सशस्त्र पुलिस बलों के 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली।

छह साल में ऐसी कुल 433 घटनाएं हुयी हैं। आंकड़ों के अनुसार छह साल के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 433 कर्मियों ने आत्महत्या की। वर्ष 2018 में सबसे कम 28 ऐसे मामले दर्ज किए गए जबकि 2014 में सबसे ज्यादा 175 मामले सामने आए। वर्ष 2017 में ऐसी घटनाओं की संख्या 60 थी जबकि 2016 में 74 और 2015 में 60 थी।

गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले सीएपीएफ में सात केंद्रीय सुरक्षा बल शामिल हैं। इसमें असम राइफल्स के अलावा सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सीमा बल और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।

एनसीआरबी ने कहा कि एक जनवरी 2019 को सीएपीएफ में 9,23,800 कर्मी थे। ये बल सीमाओं की सुरक्षा के अलावा आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने तथा गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एनसीआरबी ने आत्महत्या के मामलों का बल-वार ब्योरा नहीं दिया।

आंकड़ों के अनुसार 2019 में करीब 43,000 किसानों और दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2019 में करीब 43,000 किसानों और दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। वर्ष के दौरान देशभर में कुल 1,39,123 लोगों ने आत्महत्या की। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष के दौरान 32,563 दिहाड़ी मजदूरों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। कुल मामलों में यह संख्या लगभग 23.4 प्रतिशत रही।

वहीं एक साल पहले 2018 में यह संख्या 30,132 थी। एनसीआरबी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,281 लोगों (जिसमें 5,957 किसान और 4,324 खेतिहर मजदूर शामिल हैं) ने आत्महत्या की। यह संख्या देश में 2019 के आत्महत्या के कुल 1,39,123 मामलों का 7.4 प्रतिशत है। इससे पहले 2018 में खेती किसानी करने वाले कुल 10,349 लोगों ने आत्महत्या की थी। यह संख्या उस साल के कुल आत्महत्या के मामलों का 7.7 प्रतिशत थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले, एनसीआरबी ने कहा कि वर्ष 2019 में आत्महत्या करने वाले 5,957 किसानों में से 5,563 पुरुष और 394 महिलाएं थीं।

कुल 4,324 खेतिहर मजदूरों में से, 3,749 पुरुष और 575 महिलाएं थीं

वहीं वर्ष के दौरान आत्महत्या करने वाले कुल 4,324 खेतिहर मजदूरों में से, 3,749 पुरुष और 575 महिलाएं थीं। आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या करने वाले सबसे ज्यादा किसान महाराष्ट्र से (38.2 प्रतिशत), कर्नाटक (19.4 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (10 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (5.3 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ और तेलंगाना (4.9 प्रतिशत प्रत्येक) से हैं। हालांकि, एनसीआरबी ने कहा कि पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, मणिपुर, केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुदुचेरी से किसानों के साथ-साथ खेतिहर मजदूरों की ‘‘आत्महत्या का कोई मामला नहीं रहा है।’’

कुल मिलाकर, देश में 2019 में 1,39,123 आत्महत्यायें हुई, वहीं 2018 में 1,34,516 और 2017 में 1,29,887 आत्महत्यों के मामलों की सूचना है। वर्गीकरण के हिसाब से, सर्वाधिक आत्महत्या करने वालों में दिहाड़ी मजदूर (23.4 प्रतिशत) हैं जिनके बाद गृहिणियां (15.4 प्रतिशत) रही हैं। इसके बाद स्वरोजगार करने वाले (11.6 प्रतिशत), बेरोजगार (10.1 प्रतिशत), पेशेवर या वेतनभोगी (9.1 प्रतिशत), छात्र और कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति (दोनों 7.4 प्रतिशत), और सेवानिवृत्त व्यक्ति (0.9 प्रतिशत) ने आत्महत्या की है।

एनसीआरबी ने कहा कि 14.7 प्रतिशत आत्महत्या करने वाले पीड़ित ‘‘अन्य व्यक्तियों’’ की श्रेणी में आते हैं। वर्ष के दौरान आत्महत्या करने वालों में 66.7 प्रतिशत शादीशुदा थे जबकि 23.6 प्रतिशत कुंवारे थे। आंकड़ों के अनुसार, आत्महत्या करने वाले पीड़ितों की शैक्षिक पृष्ठभूमि से पता चला है कि कुल आत्महत्या करने वाले पीड़ितों में से 12.6 प्रतिशत (17,588) अनपढ़ थे, जबकि केवल 3.7 प्रतिशत (5,185) स्नातक और इससे ऊपर के थे।

वर्ष 2019 में आत्महत्या करने वालों में सबसे बड़ी संख्या 23.3 प्रतिशत (32,427) मैट्रिक तक पढ़े लोगों की रही। वहीं 19.6 प्रतिशत (27,323) माध्यमिक स्तर तक पढ़ने वालों और 16.3 प्रतिशत (22,649) प्राथमिक स्कूल तक पढ़े लोगों की रही। इसके बाद 14 प्रतिशत (19,508) आत्महत्या करने वाले उच्चतम माध्यमिक अथवा इंटरमीडिएट तक पढ़े लोगों की रही।

Web Title: NCRB report 36 CAPF jawans committed suicide last year 32,563 daily laborers, 10,281 farmers gave their lives

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