MP हनी ट्रैप कांड में 1 हजार से ज्यादा सेक्स वीडियो खंगाल रही है पुलिस, फंस सकते हैं इन 2 और राज्यों के बड़े नेता व बिजनेसमैन
By पल्लवी कुमारी | Published: September 27, 2019 02:51 PM2019-09-27T14:51:31+5:302019-09-27T14:51:31+5:30
Madhya Pradesh honey trap ring: हनी ट्रैप गिरोह के जाल में फंसने वाले लोगों में अब तक इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह का ही नाम आधिकारिक तौर पर सामने आया है। सिंह की ही शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था।
मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड में आये दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा बात ये सामने आई है कि इस मामले में जांच कर रही एसआईटी एक हजार से अधिक अधिक सेक्स चैट की क्लिप, वीडियो और ऑडियो की सबूतों की जांच कर रही है। इस जांच के बाद देश के पांच से छह राज्यों के नेताओं और बड़े बिजनेसमैन के नाम सामने आ सकते हैं। हनी ट्रैप का यह रैकेट अमीरों को अपना निशाना बनाते थे। यहां तक अपने अमीर कस्टमर का सेक्स वीडियो बनाकर बाद में उनको ब्लैकमेल किया जाता था। इनके निशाने पर राजनेता और नौकरशाह होते थे। इस रैकेट में पांच महिलाएं शामिल थीं, जिनमें कांग्रेस के एक पूर्व I-T सेल अधिकारी की पत्नी भी शामिल थी।
ये एक हजार वीडियो पुलिस ने गैंग के गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन से जब्त किया है। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस छापे में सामने आए 200 से ज्यादा मोबाइल फोन के संपर्कों से पता चला है कि यह रैकेट मध्य प्रदेश के बाहर भी सक्रिय था। जिसमें मध्य प्रदेश के अलावा और दो राज्यों के नाम सामने आए हैं। जो छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्रा है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।
इस केस में एसआईटी के हाथ एक ऐसी लिस्ट भी लगी है, जिसमें कम से कम 13 आईएएस अधिकारियों के नाम हैं। जिनको ब्लैकमेलिंग करने की प्लानिंग की जा रही थी। गिरोह की लड़कियों ने इनका सेक्स वीडियो चोरी से बनाया था।
कैसे हुआ मध्य प्रदेश हनी ट्रैप मामले का खुलासा
हनी ट्रैप गिरोह के जाल में फंसने वाले लोगों में अब तक इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह का ही नाम आधिकारिक तौर पर सामने आया है। सिंह की ही शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप गिरोह का औपचारिक खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में नगर निगम प्रशासन ने इस शहरी निकाय के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह को वर्ष 1965 के मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत निलंबित किया। निलंबन आदेश में कहा गया कि "अनैतिक कृत्य (हनी ट्रैप मामले) में सिंह की कथित संलिप्तता पहली नजर में अशोभनीय होने के साथ नैतिक पतन की परिचायक है। इस कारण उनकी पेशेवर कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।"
गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। नगर निगम अफसर ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे। इस बीच, पुलिस को जांच में कुछ नये सुराग मिलने के बाद इस मामले के तार कई स्थानों से जुड़ गये हैं।
गिरोह के छह गिरफ्तार आरोपियों में शामिल आरती दयाल (29) और मोनिका यादव (19) की पुलिस हिरासत अवधि एक स्थानीय अदालत ने कल रविवार को 28 सितंबर तक के लिये बढ़ा दी थी। शेष चार आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत स्थानीय जेल में बंद हैं। मोनिका यादव अब सरकारी गवाह बन गई है।