जेसिका लाल, जिसे अमीर बाप के बिगड़ैल बेटे ने मार दी थी गोली

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 13, 2022 06:41 PM2022-09-13T18:41:05+5:302022-09-13T18:47:07+5:30

आज से 23 साल पहले 20 अप्रैल 1999 को अगर मनु शर्मा ने जेसिका लाल को गोली नहीं मारी होती तो वह आज मॉडलिंग की दुनिया में सफलता की इबारत लिख रही होतीं।

Manu Sharma shot Jessica Lal for alcohol, the incident took place in Mehrauli, Delhi | जेसिका लाल, जिसे अमीर बाप के बिगड़ैल बेटे ने मार दी थी गोली

फाइल फोटो

Highlights90 के दशक के आखिर में जेसिका लाल को महज इसलिए गोली मारी गई क्योंकि उन्होंने शराब देने से मना कर दिया थाये केस देशभर में चर्चा का विषय बना क्योंकि जेसिका के हत्यारे अमीर बाप के बिगड़े हुए बेटे थेलंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार मामले में इंसाफ हुआ और जेसिका के हत्यारों को सजा हुई

दिल्ली: आज से लगभग 23 साल पहले देश की राजधानी में जेसिका लाल महज एक पैग शराब के लिए मार दी गई थी। 90 के दशक के आखिर में हुई इस हत्या में सारी दुनिया जानती थी कि गुनहगार कौन था लेकिन बावजूद उसके जेसिका के हत्यारों को सलाखों के पीछे जाने में सालों लग गए थे।

23 साल पहले 20 अप्रैल 1999 को अगर मनु शर्मा ने जेसिका को मजह एक पैग शराब के लिए गोली नहीं मारी होती तो वह आज हमारे इसी सोसाइटी में कहीं गुमनामी की जिंदगी जी रही होतीं या फिर जिस मॉडलिंग की दुनिया में जेसिका करियर बनना चाहती थी, शायद उसमें सफलता की इबारत लिख रही होती।

लेकिन नहीं ऐसा कुछ ही नहीं है जेसिका के नाम क्योंकि शराब के एक पैग ने 34 साल की उम्र में उसे हमेशा के लिए खामोश कर दिया। आज की तारीख में अगर जेसिका जिंदा होती तो उसकी उम्र 57 साल की होती। 29 अप्रैल 1999 की काली रात एक अमीर बाप के बिगड़े हुए बेटे ने शराब की गिरफ्त में जेसिका को गोली मार दी।

उस रात साउथ दिल्ली के क़ुतुब कोलोनेड के टैमरिंड कोर्ट रेस्त्रां में अमीरों की पार्टी हो रही थी। उस पार्टी को रेस्त्रां कि एनआरआई मालकिन और मशहूर सोशलाइट बीना रमानी होस्ट कर रही थीं। 29 अप्रैल 1999 की रात बीना अपने कनाडाई पति जॉर्ज मेलहोट के कनाडा जाने के मौके पर शराब पार्टी दे रही थीं।

बीना की इस थर्सडे स्पेशल नाइट पार्टी में दिल्ली के बड़े और रसूखदार लोगों का जमावड़ा हुआ। पार्टी में बीना की बेटी मालिनी रमानी ने शराब परोसने के लिए मॉडल जेसिका लाल और शायन मुंशी को बतौर बार टेंडर बुलाया।

दिल्ली की एलिट सर्किल में बीना रमानी पीने-पिलाने के लिए मशहूर थीं। रमानी परिवार के रसूख का अंदाजा आप इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीना रमानी ब्रिटिश पासपोर्ट होल्डर थीं, उनके पति कनाडा से थे। वहीं उनकी बेटी मालिनी रमानी यूएस पार्टपोर्ट होल्डर थीं। एक ही परिवार में पिता अलग देश के नागिरक हैं, मां अलग देश की और बेटी अलग देश की नागरिक है। दिल्ली के पेज-3 सर्किल में रमानी परिवार का काफी मजबूत दबदबा था।

रमानी की उस थर्सडे स्पेशल नाइट पार्टी में शायन मुंशी दिल्ली के एटिल लोगों को शराब परोस रहा था। रात में 12 बजने पर और शराब का स्टॉक खत्म होने पर पार्टी धीरे-धीरे वाइंडअप होने लगी। तभी वहां आ धमकता है मनु शर्मा। उसके साथ में कोकाकोला कंपनी के बॉटलिंग प्लांट का जनरल मैनेजर अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी, आलोक खन्ना और यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव का बेटा विकास यादव भी था।

मनु शर्मा ने जेसिका से शराब मांगा, जिसे देने के लिए जेसिका ने इनकार कर दिया। मनु ने एक ड्रिंक के बदले हजार रुपए देने का ऑफर किया। लेकिन जेसिका ने सख्ती से शराब के लिए मना कर दिया। थोड़े ही पल में मनु शर्मा ने जेसिका के माथे पर पिस्टल तान दी और शराब मांगा। जेसिका ने मुन की बात को अनसुना कर दिया। मनु सीधे उसके सिर में गोली मार दी और फिर दोस्तों के साथ फरार हो गया>

मनु अपने दोस्तों के साथ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी आता है और वहां से अपनी टाटा सफारी में विकास यादव के साथ गाजियाबाद चला जाता है। अगले दिन तड़के मनु शर्मा गाजियाबाद से चंडीगढ़ स्थित अपने घर के लिए निकल जाता है।

वहीं दूसरी ओर टैमरिंड कोर्ट में घायल पड़ी जेसिका को लेकर बीना रमानी सफदरजंग एन्क्लेव के असलोक हॉस्पिटल पहुंचती हैं। वहां के डॉक्टर आलोक चोपड़ा उन्हें फौरन अपोलो हॉस्पिटल ले जाने की सलाह देते हैं। लेकिन रमानी जब तक जेसिका को लेकर अपोलो पहुंचती, वो रास्ते में दम तोड़ चुकी थी। 

जेसिका की हत्या का केस महरौली थाने में दर्ज होता है। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि हत्यारे बड़े घरों के बिगड़ैल शहजादे हैं। चूंकि हत्या के तार सीधे राजनीतिक परिवार से जुड़ रहे थे। इसलिए पुलिस भी सीधे कोई कदम उठाने में हिचक रही थी। लेकिन मीडिया के दबाव में पुलिस ने सबसे पहले न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से अमरदीप ऊर्फ टोनी को गिरफ्तार किया। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने 2 मई को नोएडा से मनु शर्मा की टाटा सफारी लावारिस हालत में बरामद की।

उसके बाद 6 मई को मनु शर्मा ने चंडीगढ़ की अदालत में जेसिका लाल मामले में सरेंडर किया। मनु के गिरफ्तार होते ही डीपी यादव के बेटे विकास यादव सहित सभी मुख्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस ने जेसिका हत्याकांड में कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया। जिसमें क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह भी नाम शामिल था।

वहीं बिना लाइसेंस शराब परोसने के मामले में दिल्ली पुलिस ने बीना रमानी को भी गिरफ्तार किया और लेकिन चूंकि वो ब्रिटिश पासपोर्ट होल्डर थीं। इस नाते कोर्ट ने उन्हें कुछ ही समय में जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में जेसिका लाल हत्याकांड की चार्जशीट पेश की।

इस केस में मुख्य गवाह थे शायन मुंशी, करन राजपूत और शिवदास। शायन मुंशी तो जेसिका के साथ ही शराब परोस रहा था। करन राजपूत रेस्त्रां के मैनेजर का मामा था और इत्तेफाक से उस रात मौका-ए-वारदात पर मौजूद था। तीसरा गवाह शिवदास रेस्त्रां का इलेक्ट्रिशियन था, जो पार्टी खत्म होने के बाद अपना डिनर लेने वहां पहुंचा था।

पुलिस के सामने दिये बयान में तीनों ने माना था कि मनु शर्मा ने ही उस रात जेसिका पर गोली चलाई थी, लेकिन 3 मई 2001 को पटियाला हाउस कोर्ट में शायन जज के सामने अपने बयान से मुकर गया। जबकि खुद शायन मुंशी ने ही हत्या की एफआईआर दर्ज करवाई थी। कोर्ट में मुंशी ने कहा कि पुलिस ने हिंदी में पता नहीं क्या लिखा और मुझसे साइन करवा लिया, जबकि मैं तो हिंदी जानता ही नहीं हूं।

शायन की तरह 5 मई 2001 को इलेक्ट्रिशियन शिवदास भी कोर्ट में अपने बयान से पलट गया। तीसरा चश्मदीद करन राजपूर 16 मई 2001 को कोर्ट में पेश हुआ लेकिन वो तो कटघरे में सामने खड़े मनु शर्मा को पहचानने तक से इनकार कर दिया।

लेकिन बीना रमानी ने 6 जुलाई 2001 को, उनकी बेटी मालिनी रमानी ने 12 अक्तूबर 2001 को और बीना के कनाडाई पति जॉर्ज मेलहोट ने 17 अक्तूबर 2001 को कोर्ट में मनु शर्मा की शिनाख्त बतौर जेसिका लाल के हत्यारे के तौर पर की। इसके बाद भी जेसिका की बदकिस्मती रही कि पटियाला हाउस कोर्ट ने मालिनी रमानी, बीना रमानी और उनके पति जॉर्ज मेलहोट के बयान को संज्ञान में नहीं लिया।

मामले की लंबी सुनवाई चली और 21 फरवरी 2006 को पटियाला हाउस कोर्ट के जज एसएल भयाना ने अपने फैसले में सबूतों के अभाव और सरकारी वकील के कमजोर दलीलों को हवाला देते हुए मनु शर्मा सहित सभी आरोपियों को जेसिका हत्याकांड में बरी कर दिया। पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले से जेसिका की बहन सबरीना लाल सदमें में आ गईं क्योंकि जेसिका की बहन सबरीना लाल कोर्ट में अकेली ऐसा महिला थीं, जो कोर्ट में रसूखदार परिवारों के सामने मजबूती से केस लड़ रही थीं।

खैर, सबरीना ने हार नहीं मानी और उनकी इस लड़ाई में मीडिया ने भी जमकर उनका साथ दिया। आखिरकार 13 मार्च 2006 को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चैलेंज किया। दूसरी ओर एक मैगजिन ने एक न्यूज चैनेल के साथ मिलकर शायन मुंशी समेत सभी मुख्य गवाहों का स्टींग किया।

इस स्टींग में शायन ने ऑन कैमरा कहा कि उसकी हिंदी बहुत अच्छी है और वह हिंदी लिख सकता है, बोल सकता है और समझ सकता है। दूसरा गवाह करन स्टींग से पहले ही शराब की लत के कारण मर चुका था, लेकिन उसके जानने वालों ने कैमरे के सामने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट में बयान से पलटने के लिए मनु शर्मा के पिता ने उसे लाखों रुपए दिए और चंडीगढ़, मनाली सहित नेपाल की सैर कराई थी।

तीसरा गवाह शिवदास कैमरे के सामने तो नहीं आया लेकिन उसने माना कि हत्या मनु शर्मा ने ही की है। इतना ही नहीं मनु शर्मा को केस से बचाने के लिए उसके पिता विनोद शर्मा बाकायदा जेसिका लाल के घर भी गए थे और परिवार के सेटेलमेंट करने की कोशिश की थी।

स्टींग ऑपरेशन के ऑनएयर होते ही पूरे देश में बवाल मच गया और आम लोग दिल्ली की सड़कों पर जेसिका के लिए इंसाफ मांगन के लिए उतर गया। उसके बाद 3 अक्टूबर 2006 को दिल्ली हाईकोर्ट ने तय किया कि जेसिका मामले की सुनवाई रोजाना होगी।

हाईकोर्ट में जस्टिस आरएस सोढ़ी और जस्टिस पीके भसीन की बेंच ने इस मामले में 18 दिसंबर 2006 को अपना फैसले सुनाया और तीन आरोपियों मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल को जेसिका लाल की हत्या में दोषी करार दिया, कोर्ट ने युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह सहित मामले में 6 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।

फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को जेसिका की हत्या के लिए उम्रकैद और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई, वहीं अन्य दोषियों अमरदीप सिंह गिल और विकास यादव को चार साल की जेल की सजा और तीन हजार के जुर्माने की सजा दी।

इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा हैरत कि बात यह है कि जेसिका मामले में सजा पाने वाला विकास यादव वह अभियुक्त है, जिसने जेसिका लाल मर्डर केस में जमानत पर रहते हुए नीतीश कटारा का मर्डर किया था। नीतीश कटारा विकास यादव की बहन भारती यादव से प्यार करता था।

मनु शर्मा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 2 फरवरी 2007 को सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई की और 19 अप्रैल 2010 को दिये अपने फैसले में हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और मनु शर्मा के आजीवन कारावास की सजा को सही ठहराया। इस तरह इतनी लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार जेसिका लाल को इंसाफ मिला। लेकिन इस कहानी में आगे और भी किस्से हैं।

मसलन सजायाफ्ता मनु शर्मा साल 2015 में फरलो पर बाहर निकलकर मुंबई की रहने वाली एक लड़की से शादी की। साल 2018 में जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल ने कहा था कि अगर दिल्ली सरकार मनु शर्मा को रिहा कर देती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।

तिहाड़ जेल में जिंदगी के लगभग 16 साल काटने के बाद मनु शर्मा को दिल्ली सरकार ने जून 2020 में अच्छे आचरण के आधार पर रिहा कर दिया। मनु शर्मा आज आजाद जिंदगी जी रहा है। लेकिन 15 अगस्त 2021 को जेसिका के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाली सबरीना लाल का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। जेसिका लाल हत्याकांड पर बॉलीवुड ने  'नो वन किल्ड जेसिका' नाम की एक फिल्‍म भी बनाई, जिसमें रानी मुखर्जी और विद्या बालन ने मुख्‍य किरदार अदा किया था।

Web Title: Manu Sharma shot Jessica Lal for alcohol, the incident took place in Mehrauli, Delhi

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