केंद्रीय जेल में सजा काट रहे बंदी की मौत पर आयोग ने लिया संज्ञान
By शिवअनुराग पटैरया | Published: July 27, 2020 04:18 PM2020-07-27T16:18:11+5:302020-07-27T16:18:11+5:30
पुलिस के मुताबिक नत्थु पुत्र बब्बू हत्या के मामले मे सजा काट रहा था। उसे सागर से भोपाल केन्द्रीय जेल में भेजा गया था। बीते गुरुवार रात कैदी को पेट में दर्द होने के कारण इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां बीते शुक्रवार सुबह उसने दत तोड़ दिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
भोपालः मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने केन्द्रीय जेल में सजा काट रहे बंदी की मौत पर पुलिस महानिदेशक जेल और अधीक्षक केन्द्रीय जेल भोपाल से जवाब मांगा है। मध्य प्रदेश मानन अधिकार आयोग के अनुसार भोपाल जिले के गांधीनगर थानान्तर्गत केन्द्रीय जेल में सजा काट रहे एक बंदी की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक नत्थु पुत्र बब्बू हत्या के मामले मे सजा काट रहा था। उसे सागर से भोपाल केन्द्रीय जेल में भेजा गया था। बीते गुरुवार रात कैदी को पेट में दर्द होने के कारण इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां बीते शुक्रवार सुबह उसने दत तोड़ दिया। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
इस मामले में आयोग ने पुलिस महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, मध्य प्रदेश एवं केन्द्रीय जेल अधीक्षक, भोपाल से चार सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। मानव अधिकार आयोग ने होशंगाबाद जिले के पिपरिया उपजेल में बीती रात एक वृद्ध कैदीके द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने पर महानिदेशक जेल और जेल अधीक्षक होशंगाबाद से मामले में प्रतिवेदन मांगा है।
आरोपी राधेलाल पिता धनराज किरार निवासी ग्राम भैरोपुरा तहसील बनखेड़ी का रहने वाला था
आयोग ने अनुसार उपजेल के जेलर प्रहलाद वरकडे ने बताया कि धारा 307,302,34 का आरोपी राधेलाल पिता धनराज किरार निवासी ग्राम भैरोपुरा तहसील बनखेड़ी का रहने वाला था। जिसने रात्रि करीबी 3.55 पर जेल के बाथरुम में अपनी धोती को फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।
जिसकी सूचना जेल प्रहरी ने पुलिस को दी। मौके पर एसडीएम बीएमओ पुलिस स्टाफ के साथ जेल पहुंचे।पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौप दिया गया है। मृतक के परिजन लक्ष्मण व निर्भय का कहना था कि मृतक मानसिक जिद्दी था। बीएमओ ने बताया कि पोस्टमार्टम में मृतक के शरीर पर चोट के निशान नहीं पाए गए है।
आयोग के अनुसार टीकमकगढ़ जिले में छुआछूत की की परंपरा अब भी कायम है। मामला बल्देवगढ़ ब्लाक के ग्राम कन्नपुर का है। यहां पर दलित वर्ग के लोगों के द्वारा हैंडपंप छूने पर केवल मारपीट की गई, बल्कि दबंगों ने हैंडपंप ही उखाड़ दिया।
मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ से प्रतिवेदन मांगा है। आयोग के द्वारा जारी बयान के अनुसार इस मामले में पुलिस में भी शिकायत की गई है। ग्राम कन्नपुर निवासी अच्छेला अहिरवार ने बताया कि उसकी मां खुनियाबाई बीते गुरुवार को हैंडपंप पर पानी भरने गई थी।
तभी गांव के हरिराम राजपूत की पत्नी एवं पीठा सिंह राजपूत की पत्नी वहां पहुंच गई। इन लोगों ने उससे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर हैंडपंप न छूने की बात कही। इस पर मेरी मां घर आ गई।अच्छेलाल का आरोप है कि इसके बाद इन लोगों ने उसके घर पर मारपीट की और हैंडपंप भी उखाड़ दिया।