एमजे अकबर मानहानी केस में पत्रकार प्रिया रमानी ने दर्ज करवाया बयान, जानें MeToo के तहत महिला ने क्या लगाया था आरोप

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 9, 2019 04:10 PM2019-09-09T16:10:47+5:302019-09-09T16:10:47+5:30

एमजे अकबर ने सोशल मीडिया पर चली मी टू मुहिम के दौरान अपना नाम सामने आने पर प्रिया रमानी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की थी। रमानी ने अकबर पर आरोप लगाया था कि उनके साथ 20 साल पहले उन्होंने यौन दुर्व्यव्हार किया था। हालांकि, अकबर ने इस आरोप को खारिज कर दिया।

M J Akbar defamation case: The case came at great personal cost to me, says Priya Ramani | एमजे अकबर मानहानी केस में पत्रकार प्रिया रमानी ने दर्ज करवाया बयान, जानें MeToo के तहत महिला ने क्या लगाया था आरोप

एमजे अकबर मानहानी केस में पत्रकार प्रिया रमानी ने दर्ज करवाया बयान, जानें MeToo के तहत महिला ने क्या लगाया था आरोप

Highlightsपत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर किए गए मानहानि के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर से जिरह पहले ही हो चुकी है। पत्रकार प्रिया के आरोप लगाने के बाद कई महिला पत्रकार ने एमजे अकबर के पर आरोप लगाया था।

मीट टू मामले में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर मानहानि मामले में सोमवार (9 सितंबर) को दिल्ली की रॉउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी ने अपना बयान दर्ज करवा दिया है। कोर्ट में अब इश मामले की क्रॉस एक्‍जामिनेशन शुरू की जायेगी। एमजे अकबर के साथ करीब 20 साल पहले काम कर चुकीं महिला पत्रकार ने ट्विटर पर मी टू अभियान के तहत पूर्व मंत्री पर यौन उत्पीड़न का आरो लगाया था। पत्रकार प्रिया के आरोप लगाने के बाद कई महिला पत्रकार ने एमजे अकबर के पर आरोप लगाया था। जिसके बाद एमजे अकबर ने अपने केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। फिलहाल एमजे अकबर मध्य प्रदेश से राज्य सभा से सांसद हैं। 

नव सितंबर को हुये सुनवाई से पहले इस मामले की सुनवाई सात सितंबर को हुई थी। सुनवाई के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी ने दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि अपने ट्वीट के जरिये वह पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के 'यौन इच्छाओं को दर्शाने वाले व्यवहार' को सामने लाना चाहती थीं, जिसका सामना उन्होंने 1993 में किया। अकबर ने हालांकि रमानी के इस ट्वीट को ''मानहानिकारक'' करार दिया था। 

रमानी ने अदालत में कहा, इन सभी महिलाओं को देखकर (जिन्होंने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया), मैं 1993 में अकबर के साथ अपने अनुभवों के बारे में बोलने को लेकर बाध्य महसूस कर रही थी और इसलिये मैंने उनका नाम जाहिर कर दिया जिसका जिक्र मैंने अपने वोग के लिये लिखे लेख में नहीं किया था और उन्हें महज संपादक कहकर संबोधित किया था जिसने मेरा यौन उत्पीड़न किया।''

उन्होंने कहा, '' यौन उत्पीड़न किसी भी रूप में हो सकता है। यह शारीरिक या मौखिक हो सकता है। यह कहने से कि उन्होंने कुछ 'किया' नहीं, मैं ईमानदारी से यह खुलासा कर रही थी कि इसमें कुछ प्रकट नहीं है लेकिन इससे श्रीमान अकबर को यौन इच्छा दर्शाने वाले व्यवहार की छूट नहीं मिलती।'' रमानी ने कहा कि उन्होंने अकबर के साथ अपने निजी अनुभव में ''दरिंदा'' शब्द इस्तेमाल किया और कई दूसरी महिलाओं के साथ अनुभव साझा किये।

Web Title: M J Akbar defamation case: The case came at great personal cost to me, says Priya Ramani

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