बिहार के हाजीपुर में अस्पताल की आड़ में चल रहा था शराब का धंधा, छापेमारी करने गई टीम रह गई भौंचक
By एस पी सिन्हा | Published: September 30, 2022 02:33 PM2022-09-30T14:33:48+5:302022-09-30T14:33:48+5:30
दरअसल, हाजीपुर उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली की सदर थाना क्षेत्र के शुभई स्थित एक निजी मकान में शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही है। आरोपी डॉक्टर फरार है।
पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब का धंधा धड़ल्ले से जारी है। शराब तस्कर नये-नये तरीके से शराब की बिक्री कर रहे हैं। इसी कड़ी में हाजीपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक अस्पताल में मरीज इलाज किये जाने के बदले शराब का धंधा किया जा रहा था।
वहां दवाई की जगह शराब मिलती थी। गुप्त सूचना पर जब उत्पाद विभाग ने इस निजी अस्पताल में छापा मारा तो खुलासा हुआ कि वहां इलाज कराने मरीज नहीं बल्कि शराब पीने और शराब लेकर बेचनेवाले आते थे। दवा दुकान व निजी नर्सिंग होम की आड़ में एक डॉक्टर शराब का कारोबार कर रहा था।
सबसे मजेदार बात तो यह है कि पुलिस के अलावा उत्पाद विभाग की टीम जब अस्पताल के जांच में जुटी थी तभी आरोपी डॉक्टर फरार होने में सफल रहा और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह सब तब हुआ जबकि आरोपी डॉक्टर के हाथ रस्सी से बंधे हुए थे। जिसके बाद रात भर मक्के के खेत में पुलिसवाले खोजबीन करते रहे।
फरार डॉक्टर का नाम सुरेश कुमार बताया गया है। दरअसल, हाजीपुर उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली की सदर थाना क्षेत्र के शुभई स्थित एक निजी मकान में शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही है। इस सूचना के बाद पुलिस बल के साथ उत्पाद की टीम छापेमारी करने मौके पर पहुंच। तब उत्पाद विभाग के कर्मियों और अधिकारियों ने भी नहीं सोचा था कि यह अनुभव उनके लिए पहला और बिल्कुल नया होगा।
शराब फैक्ट्री के आगे एक दवा दुकान थी और फैक्ट्री के मुख्य गेट पर निजी क्लीनिक का बैनर टांगा गया था। इसको देखकर कोई भी यही समझता कि यहां मरीजों का इलाज होता है। लेकिन जब उत्पाद विभाग की टीम कमरे के अंदर दाखिल हुई तो वहां सैकड़ों विदेशी शराब के रैपर, बोतलें, तैयार शराब, टेट्रा पैक शराब के रैपर, यहां तक कि पंचिंग मशीन और ऐसी दवाइयां भी मौजूद थीं जिससे विदेशी शराब बनायी जाती थी।
इसके अलावा 3 ड्रम प्रतिबंधित स्प्रिट भी मौके से बरामद किया। दवा की आड़ में डॉक्टर कई तरह की महंगी विदेशी शराब भी बना रहा था।