मंदिर में प्रसाद देने वाले लीलाधर ने उड़ा दिया दान में मिले 13 लाख रुपये, जानिए कैसे लीला दिखाकर फेरा मंदिर के धन पर हाथ
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 28, 2022 09:59 PM2022-05-28T21:59:47+5:302022-05-28T22:09:10+5:30
राजस्थान के मेवाड़ में एक भक्त ने लीला दिखाकर ऐसी ठगी को अंजाम दिया कि भगवान को दान में मिले पैसे ही गायब हो गये। भगवान के साथ ठगी करने वाला लीलाधर मंदिर में प्रसाद का काउंटर संभालता था और उसने दान में 13 लाख रुपयों को अपनी जेब में डाल लिया।
मेवाड़: भगवान के मंदिर को भी फ्रॉड धंधेबाज भक्त ने नहीं बख्शा। जिस मंदिर में लोग अपने गलतियों के लिए क्षमा मांगने के लिए आते हैं, लेकिन एक भक्त ने लीला दिखाकर ऐसी ठगी को अंजाम दिया कि भगवान को दान में मिले पैसे को ही उसने हड़प लिया। जी हां, ये सच और यह वारदात राजस्थान के मेवाड़ में हुई है।
कहते हैं कि भगवान के मंदिर में काम करने वाले भी उन्हीं की तरह पूजनीय होते हैं और उनकी चौखट पर जो भी आता है ईश्वर उन सब के बुरे कर्मों को माफ कर देते हैं। लेकिन एक भक्त तो ऐसा 420 निकला कि उसने भगवान के भक्तों से मिले पैसों को ही अपनी जेब में डाल लिया और भी कोई 100, 200 या 500 नहीं बल्कि लाखों रुपयों का वारा-न्यारा कर दिया।
मेवाड़ स्थित एक मंदिर में प्रसाद का काउंटर संभालने वाले प्रभु के एक भक्त कर्मचारी ने उनको मिले दान के 13 लाख रुपयों को अपनी जेब में डाल लिया। ये घटना मेवाड़ के प्रसिद्ध श्रीसांवलियाजी मंदिर में हुई, जहां प्रसाद काउंटर संभालने वाले लीलाधर नामक के शख्स ने तेरह लाख रुपये से ज्यादा का गबन कर डाला
मंदिर प्रशासन के सामने जब यह मामला सामने आया तो लीलाधर ने गलती मानते हुए दो लाख 70 हजार रुपये जमा कराए लेकिन बाकि के रुपये वापस करने की बजाय वो मंदिर छोड़कर नौ-दो-ग्यारह हो गया।
जिसके बाद मंदिर न्यास के अधिकारी ने चित्तौड़ के एसडीएम को मामले की सूचना दी और उनकी सलाह पर मंडफिया थाने में लीलाधर के खिलाफ गबन का मामला दर्ज कराया है। मंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार उसे लीलाधर द्वारा मंदिर के दान में मिले पैसे के गबन के बारे में पिछले महीने जानकारी हुई, जब मंदिर को मिले दान का आडिट चल रहा था। बताया गया कि मंदिर में प्रसाद काउंटर का ठेका प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये करेड़िया निवासी लीलाधर को दिया गया था।
मंदिर में हुए आडिट से पता चला कि पिछले साल 10 अक्टूबर 2021 से 11 मार्च 2022 के बीच में लीलाधर ने फर्जी रसीद बुक बनवाकर कुल 13 लाख 61 हजार 500 रुपयों का गबन किया। जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने लीलाधर को नोटिस दिया तो उसने गबन की बात स्वीकार करते हुए 2 लाख 70 हजार रुपये मंदिर प्रशासन को लौटा दिये लेकिन बाकी बचे 10 लाख 91 हजार 500 रुपये उसने नहीं लौटाए। मंदिर प्रशासन की शिकायत पर मंडफिया थाने की पुलिस फरार आरोपी लीलाधर की तलाश कर रही है।