लालू यादव की बेटी हेमा को जमीन गिफ्ट कर नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी सीबीआई हिरासत में, राजद में हड़कंप
By एस पी सिन्हा | Published: July 27, 2022 06:17 PM2022-07-27T18:17:16+5:302022-07-27T18:18:19+5:30
आईआरसीटी रेलवे भर्ती घोटाला मामले में 18 मई को सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
पटनाः आईआरसीटीसी घोटाले से जुडे़ मामले में सीबीआई ने भोला यादव के साथ-साथ को बाद हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया है. हृदयानंद चौधरी को सीबीआई ने पटना में गिरफ्तार कर दिल्ली ले गई. लालू यादव की बेटी हेमा यादव को मुंहबोली बहन बता कर सुर्खियों में आने वाले हृदयानंद चौधरी फिलहाल पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर तैनात हैं.
हृदयानंद चौधरी की गिरफ्तारी के बाद अब लालू यादव की बेटी हेमा यादव पर भी जांच की तलवार लटक रही है. दरअसल, हृदयानंद चौधरी ने हेमा यादव को अपनी भावनात्मक बहन बताकर उन्हें जमीन गिफ्ट की थी. बताया जाता है कि आईआरसीटी रेलवे भर्ती घोटाला मामले में 18 मई को सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
लालू यादव की बेटी हेमा यादव को अपनी भावनात्मक बहन बताकर उन्हें जमीन गिफ्ट की थी. दरअसल, मई 2022 को सीबीआई की चार सदस्यीय टीम को पूछताछ के दौरान हृदयानंद चौधरी के बड़े भाई देवेंद्र चौधरी ने कहा था कि हेमा यादव को अपनी भावनात्मक बहन बताकर उन्हें जमीन गिफ्ट की थी.
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि ब्रजनंदन राय ने महुआबाग की अपनी 3375 वर्गफुट जमीन 29 मार्च 2008 को गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख लेकर ट्रांसफर की. बाद में यह जमीन हृदयानंद चौधरी ने लालू यादव की बेटी हेमा यादव के नाम कर दी. जमीन जब तोहफे में दी गई थी, उस वक्त सर्किल रेट 62.10 लाख रुपये था.
हृदयानंद चौधरी को पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में साल 2005 में ही नौकरी मिल गई थी. इसबीच, दो दशकों से लालू परिवार के सबसे खास माने जाने वाले भोला यादव पर सीबीआई की दबिश के बाद लालू परिवार ही नहीं बल्कि पूरे राजद में बेचैनी है.
सियासी हलके में चर्चा ये है कि लालू परिवार के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव ने अगर सीबीआई के सामने राज उगल दिया तो लालू प्रसाद यादव के साथ साथ तेजस्वी यादव को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. सूत्रों के मुताबिक पिछले ढाई दशक से लालू परिवार का सारा राज भोला यादव के सीने में दफन है.
लालू परिवार के हर ट्रांसजैक्शन में भोला यादव की भूमिका रही है. 20 साल से भी ज्यादा समय तक वे लालू यादव के साथ साये की तरह रहे हैं. लिहाजा उन्हें हर उस बात की जानकारी है जिसे सीबीआई जानना चाहती है. बता दें कि इसी साल मई में एक साथ 17 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में वैसे लोगों को भी नामजद किया गया है. जिन्होंने लालू परिवार को जमीन देकर नौकरी पाई है. जमीन किसने और कितनी दी इसका भी जिक्र प्राथमिकी में किया गया है.