Lakhimpur Kheri Case में आया नया मोड़, SC ने UP सरकार से मांगी रिपोर्ट, कहा गवाहों को मिलनी चाहिए सुरक्षा, अगली सुनवाई 24 मार्च को

By आजाद खान | Published: March 16, 2022 12:32 PM2022-03-16T12:32:20+5:302022-03-16T12:37:17+5:30

Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को जमानत मिली थी, इसके बाद इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दिया गया था।

Lakhimpur Kheri Case SC seeks report from UP government says witnesses should get protection next hearing on March 24 | Lakhimpur Kheri Case में आया नया मोड़, SC ने UP सरकार से मांगी रिपोर्ट, कहा गवाहों को मिलनी चाहिए सुरक्षा, अगली सुनवाई 24 मार्च को

Lakhimpur Kheri Case में आया नया मोड़, SC ने UP सरकार से मांगी रिपोर्ट, कहा गवाहों को मिलनी चाहिए सुरक्षा, अगली सुनवाई 24 मार्च को

Highlightsउच्चतम न्यायालय ने आशीष मिश्रा के जमानत पर उत्तर प्रदेश सरकार को तलब किया है।उत्तर प्रदेश सरकार से न्यायालय ने रूख स्पष्ट करने को कहा है। इस हिंसा चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। आपको बता दें कि इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे। 

प्रधान न्यायाधीश ने क्या कहा

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आज उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले में प्रमुख गवाहों में से एक पर हुए हमले की दलील पर गौर भी किया है और उत्तर प्रदेश सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। इसकी अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। 

10 फरवरी को मिली थी आशीष मिश्रा को जमानत

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। 

जमानत से पहले आशीष मिश्रा को 4 महीने तक था हिरासत में

इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। गौरतलब है कि किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। 

इसमें किसानों के साथ एक पत्रकार की भी मौत हुई थी

इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी। किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा थे, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था। हालांकि, मिश्रा ने आरोपों को खारिज किया है। 
 

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