नन रेप केसः केरल HC से पूर्व बिशप फ्रैंको को मिली जमानत, नहीं होगी CBI जांच
By स्वाति सिंह | Published: October 15, 2018 11:59 AM2018-10-15T11:59:57+5:302018-10-15T11:59:57+5:30
शनिवार (13 अक्टूबर ) को पोप फ्रांसिस ने नाबालिगों के यौन शोषण के आरोप में चिली के दो बिशप को चर्च में पादरी पद से हटा दिया है। पोप और चिली के राष्ट्रपति के बीच मुलाकात के बाद वेटिकन ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
केरल में नन के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार बिशप फ्रैंको मलक्कल को केरल हाई कोर्ट ने सोमवार (15 अक्टूबर ) को सर्शत जमानत दी। मलक्कल पर एक नन से कई बार बलात्कार करने और उन पर यौन हमला करने के आरोप हैं।
Kerala High Court has laid down the conditions that Bishop Franco Mulakkal should not enter Kerala & should surrender his passport before the court. https://t.co/qvd7FsQgfy
— ANI (@ANI) October 15, 2018
न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन ने मलक्कल की जमानत मंजूर करते हुए उन्हें निर्देश दिया कि वह अपना पासपोर्ट अधिकारियों के समक्ष जमा करें और हर दो हफ्ते में एक बार शनिवार के दिन जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के अलावा कभी केरल में कभी दाखिल नहीं हों।
इस मामले में आरोप-पत्र दायर किए जाने तक मलक्कल (54) पर यह शर्तें प्रभावी रहेंगी।
बीते तीन अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने मलक्कल की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। उस वक्त अदालत ने अभियोजन की यह दलील स्वीकार कर ली थी कि समाज में ऊंचा दर्जा रखने वाला यह आरोपी जमानत दिए जाने पर इस मामले के गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेगा।
मलक्कल अभी कोट्टायम जिले के पाला की एक उप-जेल में बंद हैं। एक मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से अपनी न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाए जाने के बाद उन्होंने फिर उच्च न्यायालय का रुख कर जमानत की गुहार लगाई।
पुलिस ने आरोपी पादरी की जमानत अर्जी का विरोध किया और कहा कि इस मामले में जांच अभी चल रही है।
जून में कोट्टायम पुलिस को दी गई शिकायत में नन ने आरोप लगाया था कि मलक्कल ने मई 2014 में कुरविलांगड़ के एक गेस्ट हाउस में उनसे बलात्कार किया और बाद में कई मौकों पर उनका यौन शोषण किया।
नन ने कहा कि चर्च के अधिकारियों ने जब पादरी के खिलाफ उनकी शिकायत पर कोई कदम नहीं उठाया तो उन्होंने पुलिस का रुख किया।
बहरहाल, मलक्कल ने बलात्कार और यौन शोषण के आरोपों को ‘‘बेबुनियाद’’ और ‘‘मनगढ़ंत’’ करार देते हुए इस बात पर जोर दिया कि नन ने आरोप इसलिए लगाए क्योंकि कैथलिक व्यवस्था ने उनकी मांगें मानने से इनकार कर दिया था।
पिछले महीने मलक्कल ने जालंधर डायोसीज का पादरी पद छोड़ दिया था।
(भाषा इनपुट के साथ )