कठुआ गैंगरेप: आरोपी डाल रहे थे दबाव, जाँच करने वाली DSP ने कहा- माँ दुर्गा की कृपा से सुलझाई गुत्थी, नवरात्रि में किया अभियुक्तों को गिरफ्तार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 17, 2018 08:59 AM2018-04-17T08:59:24+5:302018-04-17T09:00:50+5:30
कठुआ गैंगरेप में आठ साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले की सुनवाई जम्मू के सीजेएम अदालत में चल रही है। पीड़िता के पिता ने मामले को चण्डीगढ़ ट्रांसफर करने की माँग की है।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले की जांच अधिकारी श्वेताम्बरी शर्मा ने मीडिया को बताया है कि जांच के दौरान उनके ऊपर काफी दबाव डाला गया था। श्वेताम्बरी शर्मा ने द क्विंट वेबसाइट को बताया कि हत्या और बलात्कार के आठ अभियुक्तों ने उनसे जाति और धर्म का हवाला देकर "नरमी" बरतने की अपील की थी। श्वेताम्बरी ने उनकी बात अनुसनी करते हुए कहा था कि वो पुलिस अधिकारी हैं और उनके धर्म अपना काम ईमानदारी से करना है।
आठ वर्षीय पीड़िता 10 जनवरी को लापता हो गई थी। 17 जनवरी को उसका शव मिला। जम्मू-कश्मीर सरकार ने 23 जनवरी को मामले की जाँच क्राइम ब्रांच को सौंपी थी। क्राइम ब्रांच ने मामले की जाँच के लिए आईजी पुलिस (क्राइम) आलोक पुरी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया। एसआईटी में सैय्यद अहफदुल मुस्तफा, एसएसपी रमेश कुमार जाला, एएसपी नवीद पीरजादा, डीएसपी श्वेताम्बरी शर्मा, सब-इंस्पेक्टर इरफान वानी, केके गुप्ता और एएसआई तारिक अहमद को इसके सदस्य थे।
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नौ अप्रैल को एसआईटी ने सीजेएम कोर्ट में दो आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर किए। आठों अभियुक्तों पर बलात्कार, हत्या, अपहरण, जबरन बंधक बनाने, आपराधिक षडयंत्र और सबूत मिटाने का आरोप लगाया। आरोपियों में एक नौजवान भी है। चार्जशीट के अनुसार इस युवक ने बच्ची की हत्या के पहले दो बार उसका रेप किया। जूडिशियल मजिस्ट्रेट ने इस आरोप को नाबालिग माना है। हालाँकि एसआईटी का दावा है कि सरकारी डॉक्टरों के अनुसार आरोपी की उम्र 19-20 साल है।
श्वेताम्बरी ने क्विंट को बताया, "हमने काफी मुश्किल का सामना किया। कई बार हम हताश महससू करने लगे, खासकर तब जब हमें पता चला कि हीरानगर पुलिस थाने ने मामले को दबाने के लिए घूस ली है और उन्होंने सबूत मिटाने के लिए पीड़िता के कपड़े धो दिए हैं। फिर हम नवरात्रि के पवित्र महीने में इस बलात्कार और हत्या की गुत्थी सुलझाने में कामयाब रहे। मुझे यकीन है कि अपराधियों को न्याय के कठघरे तक लाने में दैवीय मदद मिली। मुझे यकीन है कि हमारे सिर पर माँ दुर्गा का हाथ था।"
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क्विंट से बातचीत में श्वेताम्बरी जांच के दौरान धर्म के नाम पर डाले जा रहे दबाव पर कहा, “क्योंकि ज्यादातर आरोपी ब्राह्मण थे, इसलिए मुझे बार-बार ये याद दिलाने कि कोशिश की गई की हम एक धर्म और जाति के हैं, मुझे उन्हें एक मुसलमान लड़की के रेप और हत्या के लिए आरोपी नहीं बनाना चाहिए, मैंने उनसे कहा कि एक पुलिस ऑफिसर होने के नाते मेरा सिर्फ एक ही धर्म है, वो है मेरी वर्दी”
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श्वेतामबरी ने बताया कि “केस की सुनवाई के दौरान जब हम कोर्ट में गए तो 10-20 वकीलों ने हमारे खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी. हमसे कहा गया हम आरोपियों के नाम बताएं, जबकि हम ऐसा नहीं कर सकते थे. हमें बार-बार भीड़ ने रोका, हमने जब SHO से FIR दर्ज करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया, जिसके बाद हम अपनी शिकायत लेकर DM के पास गए. हर जगह अराजकता और डराने-धमकाने का माहौल था”
श्वेताम्बरी के अनुसार उनके बेटे की उम्र की लड़की से बलात्कार और हत्या के अभियुक्तों से पूछताछ करना काफी मुश्किल और बुरा अनुभव रहा। श्वेताम्बरी ने क्विंट से कहा, "ये बहुत बुरा अनुभव था लेकिन माता दुर्गा हमारे साथ थीं। उन्होंने मुझे हिम्मत थी। मैंने एसआईटी के पुरुष सदस्यों की मौजूदगी में सारे जरूरी सवाल पूछे।"