Kanpur Shootout: अब यूपी पुलिस लखनऊ में विकास दुबे के भाई के मकान को ढहाने की कर रही है तैयारी
By अनुराग आनंद | Published: July 4, 2020 09:07 PM2020-07-04T21:07:59+5:302020-07-04T21:32:44+5:30
अपराधी विकास दुबे घटना को अंजाम देने के करीब 36 घंटे बाद भी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है।
कानपुर: कुख्यात अपराधी विकास को पकड़ने के लिये पुलिस की 25 से अधिक टीम उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में लगातार छापेमारी कर रही हैं लेकिन घटना के करीब 36 घंटे बाद भी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है।
वहीं दूसरी तरफ शनिवार को कानपुर प्रशासन ने विकास दुबे के बिठुर स्थित आवास को गिराने का फैसला लिया, जिसके बाद उसी की जेसीबी मशीन से पूरा घर जमींदोज कर दिया गया।
हिन्दुस्तान खबर की मानें तो अब इस मामले में यूपी पुलिस विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे का लखनऊ के इंद्रलोक स्थित मकान जे 424 को ढहाया जाएगा। एलडीए ने इसे गिराने की तैयारी शुरू कर दी है।
प्राधिकरण के सहायक अभियंता पीके श्रीवास्तव के नेतृत्व में एलडीए के इंजीनियरों की टीम ने शनिवार को मकान का निरीक्षण किया। फिर इसकी फाइल निकाली गई। मकान को गिराने की प्रक्रिया पूरी करने का काम चल रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, दीप प्रकाश दुबे का यह घर भी अवैध तरह से बना है।
खबर की मानें तो अधिकारी इस मामले में बैठक कर चपके हैं और साइट पर जाकर मुआयना भी कर चुके हैं। रविवार तक इस कार्रवाई को अंजाम दिए जाने की संभावना है।
इसके अलावा, उसकी पूरी जायदाद जब्त करने की तैयारी भी जारी है। बताया जा रहा है कि विकास दुबे की सारी प्रॉपर्टी को अटैच करने की तैयारी चल रही है।
पुलिस द्वारा विकास दुबे का घर गिराये जाने के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ''गांव के लोगों का कहना है कि दुबे ने दबंगई और गुंडागर्दी से लोगों की जमीन पर कब्जा किया था और लोगो से वसूली कर घर बनाया था। गांव में यह अपराध का गढ़ था जिससे गांव वालों में उसके प्रति बहुत गुस्सा था।'' उन्होंने बताया कि दुबे के परिवार वालों पर गांव के नाराज लोगों ने हमला भी किया था लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण कोई हादसा नहीं हुआ।
चौबेपुर के थानाध्यक्ष निलंबित
कानपुर मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद शक के घेरे में आए चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया, '' थानाध्यक्ष विनय तिवारी के ऊपर लग रहे आरोपों के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इन आरोपों की जांच की गहन तरीके से जांच की जा रही है। अगर उनका या किसी भी पुलिसकर्मी का इस घटना से कोई संबंध निकला तो उसे न केवल बर्खास्त किया जाएगा बल्कि जेल भी भेजा जाएगा।’'
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह जाना जा सके कि दुबे को उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बारे में पहले से खबर कैसे लगी जिससे उसने पूरी तैयारी के साथ पुलिस दल पर हमला किया। आईजी से जब पूछा गया कि कितने लोगों को हिरासत में लिया गया है तो उन्होंने इस बात का जवाब देने से इनकार कर दिया ।
जानें क्या है कानपुर शूटआउट का पूरा मामला
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी कुख्यात अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस कर्मी मारे गए थे। मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल है। पहली मुठभेड़ में अपराधी पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन ले गये, जिनमें एके-47 रायफल, एक इंसास रायफल, एक ग्लाक पिस्टल तथा दो नाइन एमएम पिस्टल शामिल हैं। इस मुठभेड़ के कुछ घंटे बाद हुई दूसरी पुलिस मुठभेड़ में पुलिस ने दो अपराधियों को मार गिराया था और उनके पास से लूटी गयी एक पिस्टल भी बरामद की थी।
घटना के बाद शुक्रवार शाम कानपुर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौबेपुर थानाक्षेत्र में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और घटना के लिए जिम्मेदार किसी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। योगी ने पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का भी एलान किया था।