कानपुर शूटआउट: डीएसपी के सीने में सटाकर मारी थी गोली, एसएसपी को भी लगी बुलेट, आईजी के सिर के पास गुजरी गोली
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 6, 2020 07:14 AM2020-07-06T07:14:42+5:302020-07-06T07:14:42+5:30
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर पुलिस का शिकंजा का सकता जा रहा है. देर रात विकास का गुर्गा दयाशंकर अग्निहोत्री एक मुठभेड़ के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
कानपुर के बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके गुर्गों से पुलिस की हुई मुठभेड़ में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. हमलावरों ने पुलिस टीम पर तमंचों के साथ एके-47 से भी गोलियां बरसाई थीं. शहीद सिपाही जितेंद्र पाल के शरीर से एके-47 की एक गोली बरामद हुई है. पोस्टमार्टम के दौरान पता चला है कि चार जवानों के शरीर से गोलियां आर-पार निकल गई थी. अन्य चार जवानों के शरीर से 315 और 312 बोर के कारतूस के टुकड़े बरामद हुए हैं. वहीं डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के चेहरे, सीने और पैर में सटाकर गोली मारी गई. उनका भेजा और गर्दन का हिस्सा उड़ गया था. उनके पैर और कमर पर कुल्हाड़ी से वार के निशान थे.
एसएसपी के सीने में लगी थी गोली, आईजी के सिर के पास से गुजरी बुलेट
कानपुर पुलिस ने कहा है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गुर्गों से मुठभेड़ के दौरान आईजी बाल-बाल बचे, जबकि एसएसपी को सीने में गोलियां लगी थीं.वह इसलिए बच गए कि उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी थी. पुलिस ने रविवार को बयान जारी कर कहा है कि एसएसपी को इस मुठभेड़ के दौरान सीने में गोलियां लगी थीं, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट होने की वजह से गोलियां जैकेट में धंस गईं. असल में, विकास के 8 से 10 गुर्गों ने पुलिस पर तीन ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग कर हमला बोला था. घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं. इसमें पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए. पुलिसकर्मियों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई, लेकिन अंधेरे के कारण बदमाश भागने में कामयाब रहे.
चौराहे पर पुलिसकर्मियों के शव जलाने की थी योजना
विकास दुबे गुरुवार रात की घटना के बाद से फरार है, लेकिन इस दौरान पुलिस जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे हो रहे हैं. एक खुलासे के मुताबिक विकास दुबे गुरु वार की रात आठों पुलिस कर्मियों की मौत के बाद उनके शव को गांव में ही चौराहे पर जलाना चाहता था.पुलिसकर्मियों के शहीद होने की खबर मिलने के बाद जब बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो पुलिसकर्मियों के शव एक के ऊपर एक पड़े हुए थे. सभी शवों को जलाने के लिए घर में मौजूद ट्रैक्टर से तेल निकाला जा रहा था. तभी पुलिस की दूसरी टीम मौके पर पहुंच गई और बदमाश वहां से भाग निकले. बताया जा रहा है कि विकास दुबे इनोवा से फरार हुआ था और जाते समय पूरे परिवार के मोबाइल फोन साथ ले गया.
औरैया में मिली विकास की आखिरी लोकेशन
सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे की आखिरी लोकेशन यूपी के औरैया में मिली है. औरेया मप्र से सटा हुआ है, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विकास मप्र की ओर भाग सकता है. औरैया जिले के एलजी गार्डन गेस्ट हाउस के पास एक कार भी मिली है. कार पर लखनऊ का नंबर है. ये कार अमित दुबे नाम के किसी व्यक्ति के नाम रजिस्टर्ड है. पुलिस कार की जांच में जुट गई है.
चौबेपुर थाने के पुलिसकर्मी शक के घेरे में
कानपुर आईजी मोहित अग्रवाल का कहना कि विकास दुबे के सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है और जल्द ही सफलता हासिल होगी. उन्होंने कहा कि अभी पूरा चौबेपुर थाना शक के घेरे में है. कितने पुलिसकर्मियों ने विकास से बात की, इस मामले की जांच चल रही है. अगर किसी पुलिस कर्मी की भूमिका सामने आई तो उसे किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा, उन पर पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी, 307 का मुकदमा दर्ज किया जाएगा और बर्खास्त भी होंगे.
अब लखनऊ का मकान गिराने की तैयारी
कानपुर के बाद विकास दुबे का अब लखनऊ स्थित घर भी गिरेगा. लखनऊ में कृष्णानगर के इंद्रलोक में विकास का घर है. एलडीए की टीम ने उसके घर का मुआयना किया है.बताया जा रहा है कि मकान को गिराने की प्रक्रि या पर काम जारी है. मालिकाना हक, नक्शा, दस्तावेज जांच की गई. लखनऊ विकास प्राधिकरण की शुरु आती जांच में विकास के मकान को लेकर काफी कुछ गड़बड़ मिला है. इसके अलावा जिला प्रशासन विकास की सारी प्रॉपर्टी अटैच करने और सभी बैंक अकाउंट्स भी सीज करने की तैयारी कर रहा है.