कानपुर पुलिस ने बयान जारी कर बताया हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर पर जेसीबी चलाने का कारण
By अनुराग आनंद | Published: July 6, 2020 01:55 PM2020-07-06T13:55:09+5:302020-07-06T13:55:09+5:30
पुलिस ने बताया कि विकास दुबे ने दीवार व घर के फर्श के नीचे हथियार व विस्फोटक छिपा रखा था, इसी वजह से उसके घर को गिराना पड़ा है। यूपी पुलिस ने कहा कि विकास दुबे के बारे में सूचना देने वाले को अब ढाई लाख का इनाम दिया जाएगा।
नई दिल्ली:कानपुर पुलिस ने विकास दुबे के घर तोड़े जाने को लेकर उठ रहे सवाल पर कहा है कि विकास दुबे के घर की तालाशी लेने पर भारी मात्रा में गोला, बारूद व तमंचा बरामद हुए हैं।
इन सभी हथियारों व गैरकानूनी समानों को अपराधी ने अपने घर के दीवारों व फर्श में छिपाया था। पुलिस की मानें तो इस दौरान पूर्व की ओर से दीवारों की खुदाई करने पर भवन असुरक्षित हो जाने के फलस्वरूप थाना चौबेपुर पुलिस द्वारा जेसीबी का उपयोग किया गया है। इसी वजह से दीवार व अपराधी का भवन क्षतिग्रस्त हो गया है।
इसके साथ ही पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि अपराधी के घर से 6 तमंचे और 15 देसी बम आदि मिले हैं। फर्श में गुप्त तहखाने बनाकर हथियार छिपाए गए थे।
अब इस मामले में यूपी पुलिस ने कानपुर में 8 पुलिसकर्मयों की हत्या के आरोपी विकास दुबे की सूचना देने वाले को मिलेगा अब ढाई लाख का इनाम दिया जाएगा। पहले यह राशि 1 लाख रुपए घोषित की गई थी।
#SSP_KNR@Dineshdcop के निर्देशन में थाना चौबेपुर पुलिस टीम द्वारा वांछित व 01 लाख रु0 का ईनामी अभियुक्त विकाश दुबे के घर से विस्फोटक पदार्थ लगभग 02 किग्रा0, 06 तमंचे 25 कारतूस व 15 देशी बम बरामद किये गये । @dgpup@Uppolice@adgzonekanpur@igrangekanpurpic.twitter.com/0U64yLfCTV
— Kanpur Nagar Police (@kanpurnagarpol) July 5, 2020
तीन पुलिसकर्मी निलंबित, जांच शुरू, ड्यूटी पर लापरवाही बरतने का आरोप-
बता दें कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की मौत के मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने को लेकर तीन पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया है कि निलंबित उपनिरीक्षकों कुंवरपाल और कृष्ण कुमार शर्मा व कॉन्स्टेबल राजीव के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की गई है।
ये सभी चौबेपुर थाने में तैनात थे. तीनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा और अगर जांच के दौरान उनकी भूमिका या साजिश सामने आयी तो उनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि तीनों पुलिसकर्मी चौबेपुर के थाना प्रभारी विनय तिवारी के साथ विकास दुबे के घर बुधवार को गए थे। स्थानीय कारोबारी राहुल तिवारी की शिकायत पर पुलिस वहां दबिश देने गयी थी।
राहुल को विकास दुबे ने पुलिस की मौजूदगी में पीटा था। जब तिवारी ने बीचबचाव की कोशिश की तो दुबे ने कथित रूप से उनका मोबाइल छीनकर उनके साथ भी बदसलूकी की थी। उसके बाद दोनों के बीच कहासुनी और धक्कामुक्की भी हुई और फिर पुलिस घर से चली गई। मुठभेड़ की वारदात के बाद विनय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।
एसएसपी के सीने में लगी थी गोली, आईजी के सिर के पास से गुजरी बुलेट
कानपुर पुलिस ने कहा है कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गुर्गों से मुठभेड़ के दौरान आईजी बाल-बाल बचे, जबकि एसएसपी को सीने में गोलियां लगी थीं। वह इसलिए बच गए कि उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी थी। पुलिस ने रविवार को बयान जारी कर कहा है कि एसएसपी को इस मुठभेड़ के दौरान सीने में गोलियां लगी थीं, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट होने की वजह से गोलियां जैकेट में धंस गईं।
असल में, विकास के 8 से 10 गुर्गों ने पुलिस पर तीन ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग कर हमला बोला था। घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं। इसमें पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए। पुलिसकर्मियों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई, लेकिन अंधेरे के कारण बदमाश भागने में कामयाब रहे।