कानपुर कांड: पुलिस रेड से पहले काटी गई विकास दुबे के गांव की बिजली, सिपाहियों के शवों के साथ 'क्रूरता' का बनाया था प्लान
By पल्लवी कुमारी | Published: July 5, 2020 02:08 PM2020-07-05T14:08:43+5:302020-07-05T14:08:43+5:30
kanpur Encounter: कानपुर में मुठभेड़ का मास्टरमाइंड कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की 20 टीमें और तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए नोएडा से लेकर नेपाल बॉर्डर तक अलर्ट कर दिया गया है।
कानपुर:कानपुर में मुठभेड़ (kanpur Encounter) और उसके मास्टरमाइंड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासे में पता चला है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए कानपुर पुलिस जब रात के अंधेरे में बिकरू गांव पहुंची थी तो ठीक उससे थोड़ी देर पहले लाइनमैन ने बिकरू गांव की बिजली काट दी थी। इसी वजह से पुलिस को लोकेशन समझ में नहीं आई और वह गोलियों का शिकार हो गए। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कानपुर के शिवली पावर सब-स्टेशन के ऑपरेटर छत्रपाल सिंह ने बताय कि 3 जुलाई को, मुझे चौबेपुर पावर स्टेशन से बीकरू गांव (कानपुर एनकाउंटर की साइट) में बिजली काटने के लिए एक कॉल मिली, क्योंकि वहां बिजली लाइन क्षतिग्रस्त थी। जिसके बाद मैंने बिजली काट दी थी। 2 और 3 जुलाई की रात हुई कानपुर मुठभेड़ में पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए हैं।
पुलिस के शवों के साथ 'क्रूरता' करने का विकास दुबे ने बनाया था प्लान
आज-तक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 2 और 3 जुलाई की रात( एक से दो बजे के बीच) आठों पुलिस वालों की मौत के बाद विकास दुबे का प्लान था कि उनको चौराहे पर जला दिया जाए। गांव वाले भी इन सब में विकास की डरे से मदद करते। पुलिस वालों की हत्या की सूचना मिलने के बाद जब पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो पुलिस वालों के शव एक के ऊपर एक पड़े पड़ा हुआ था। सभी शवों को जलाने के लिए घर में मौजूद ट्रैक्टर से तेल भी निकाला जा रहा था। तभी पुलिस की दूसरी टीम मौके पर पहुंच गई और बदमाश वहां से भाग गए थे। गांव वालों ने पुलिस ने बाद में जब इस बारे में पूछताछ की तो किसी ने मुंह खोलने की हिम्मत नहीं थी।
विकास दुबे के गिरफ्तार साथी ने खोले कानपुर शूटआउट के कई राज
विकास दुबे के साथ पुलिस पर फायरिंग करने वाले आरोपियों में से एक दयाशंकर अग्निहोत्री की गिरफ्तारी हुई है। दयाशंकर अग्निहोत्री ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुलिस के सामने कई खुलासे किए हैं। दयाशंकर अग्निहोत्री ने पुलिस को बताया कि विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से फोन आया था, जिसके बाद उसने अपने घर में 25-30 लोगों को बुलाया गया था। दयाशंकर ने बताया विकास दुबे किसी के फोन आने के बाद काफी अलर्ट हो गया था। दयाशंकर अग्निहोत्री ने कहा, विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से एक फोन आया था। जिसके बाद उसने लगभग 25-30 लोगों को बुलाया। उसने पुलिस कर्मियों पर गोलियां चलाईं। मुठभेड़ के समय मैं घर के अंदर बंद था, इसलिए मैंने कुछ भी नहीं देखा।
उसने यह भी बताया कि जेसीबी से रास्त रोकने का प्लान भी विकास दुबे का था। 2 और 3 जुलाई की रात हुई कानपुर में मुठभेड़ में पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए हैं।
कानपुर मुठभेड़( kanpur Encounter) में क्या हुआ?
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर र अंधाधुंध गोलीबारी की गई। जिसमें प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।