कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अशफाक व मोइनुद्दीन ऐसे फंसे ATS के जाल में, पैसों ने बिगाड़ा सारा खेल

By पल्लवी कुमारी | Published: October 23, 2019 09:42 AM2019-10-23T09:42:35+5:302019-10-23T09:42:35+5:30

कमलेश तिवारी हत्याकांड: 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर और गोली मारकर न‍िर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी।

kamlesh tiwari Murder main accused ashfaq and moinuddin arrested due to money problem | कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अशफाक व मोइनुद्दीन ऐसे फंसे ATS के जाल में, पैसों ने बिगाड़ा सारा खेल

कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अशफाक व मोइनुद्दीन ऐसे फंसे ATS के जाल में, पैसों ने बिगाड़ा सारा खेल

Highlightsगुजरात एटीएस ने दोनों मुख्य आरोपी अशफाक और मोनुद्दीन को राजस्थान गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। ये दोनों वही आरोपी हैं, जो कमलेश तिवारी के हत्या वाले दिन भी सीसीटीवी में कैद हुए थे।

दिवगंत हिन्दू नेता कमलेश तिवारी के हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन को आखिरकर एटीएस ने गिरफ्तार कर ही लिया। इन दोनों आरोपियों की जानकारी देने वालों के लिए यूपी पुलिस ने ढाई लाख का इनाम रखा था। ये दोनों वही आरोपी थे, जो घटना वाले दिन 18 अक्टूबर 2019 को सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। गुजरात एटीएस ने दोनों मुख्य आरोपियों को राजस्थान बॉर्डर के पास से गिरफ्तार किया। आज (23 अक्टूबर) की पहली विमान से दोनों आरोपियों को लखनऊ लाया जाएगा। 

18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर और गोली मारकर न‍िर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद से योगी आदित्यनाथ की सरकार पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। 

'पैसों' की वजह से आरोपियों को पकड़ पाए पुलिस 

घटना वाले दिन से ही दोनों आरोपी भागे-भागे फिर रहे थे। इस दौरान पुलिस यूपी के हर जिले और गुजरात में भी दबिश दे रही थी। पुलिस आरोपियों के परिवार वालों के भी सम्पर्क में थी। इस दौरान जब छिपते-छिपते आरोपियों के पास पैसों की कमी होने लगी तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों को फोन करना शुरू किया, क्योंकि एटीएस रिश्तेदारों के फोन कॉलिंग पर भी नजर बनाए हुए थे, इसलिए जैसे ही आरोपियों ने रिश्तेदारों से बात करने की कोशिश की, वह गुजरात एटीएस के हत्थे चढ़ गए। इसके बाद मुख्य आरोपी अशफाक और मोनुद्दीन को राजस्थान गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया। 

गुजरात एटीएस के मुताबिक, हत्या के आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन अपने साथ जितनी रकम लेकर गए थे, वह धीरे-धीरे खत्म हो चुकी थी। इसलिए उनके पास रिश्तेदारों से सम्पर्क करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। 

गिरफ्तारी से पहले वकील को भी किया था फोन कॉल 

एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक सोमवार (21 अक्टूबर) को लखनऊ के ठाकुरगंज निवासी एक वकील को फोन आया था। फोन करने वालों ने खुद का परिचय कमलेश हत्याकांड के आरोपी शेख अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन के रूप में दिया था। उन्होंने वकील से सरेंडर करने की बात की थी। पुलिस को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि आरोपियों ने वकील से संपर्क किया है तो वह और भी अलर्ट हो गई। 

कमलेश तिवारी की कैसे की गई हत्या

18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर और गोली मारकर न‍िर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खुर्शीद बाग स्थित ऑफिस में दो लोग कमलेश तिवारी से मिलने आए थे। इन दोनों के हाथ में मिठाई का डिब्बा था। जिसमें हथियार थे। दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की। बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी। इसके बाद उनका गला रेता गया और फिर गोली मारकर बदमाश फरार हो गए। जिसके बाद आनन-फानन में कमलेश तिवारी को अस्पताल ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया

Web Title: kamlesh tiwari Murder main accused ashfaq and moinuddin arrested due to money problem

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