मर्डर मिस्ट्री: शराब के लिए मॉडल जेसिका को सरेआम मारी थी गोली, उसके बाद भी इंसाफ के लिए इतना संघर्ष

By आदित्य द्विवेदी | Published: December 22, 2017 08:50 AM2017-12-22T08:50:40+5:302017-12-22T08:54:47+5:30

अगर देश का आम नगरिक सड़क पर नहीं निकलता तो क्या जेसिका लाल को इंसाफ मिल पाता? एक सनसनीखेज मर्डर केस में इंसाफ की अनोखी कहानी...

Jessica Lal Murder case: All you need to know | मर्डर मिस्ट्री: शराब के लिए मॉडल जेसिका को सरेआम मारी थी गोली, उसके बाद भी इंसाफ के लिए इतना संघर्ष

मर्डर मिस्ट्री: शराब के लिए मॉडल जेसिका को सरेआम मारी थी गोली, उसके बाद भी इंसाफ के लिए इतना संघर्ष

'नशा शराब में होता तो नाचती बोतल'... बात मज़ाक में कही गई है लेकिन एक नजरिए से सच भी है। दरअसल, शराब के नशे को भी एकबार कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन जब पॉवर और पैसे का नशा चढ़ जाए तो उसे उतरने में कई ज़िंदगियों को बर्बाद होना पड़ता है। जेल में बंद मनु शर्मा को आज इस बात का एहसास हो रहा होगा। हरियाणा के कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा का बेटा मनु शर्मा, जिसने पिता की हेकड़ी में एक ऐसा कृत्य किया जिसके लिए उसे पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे गुजारनी पड़ेगी। 'मर्डर मिस्ट्री' में आज कहानी चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड की...

29 अप्रैल, 1999 की रात थी। समाजसेवी बीना रमानी ने महरौली स्थित कुतुब कोलोनेड रेस्तरां में एक पार्टी दी। इस पार्टी में राजधानी की कई नामी हस्तियों ने शिरकत की जिसमें मनु शर्मा भी शामिल था। हाई क्लास पार्टी में मॉडल जेसिका लाल शराब सर्व कर रही थी। 

रात के दो बजे होंगे। मनु शर्मा ने जेसिका लाल से शराब की मांग की। जेसिका ने टाइम का हवाला देते हुए शराब देने से इनकार कर दिया। पॉवर और पैसे की हेकड़ी में चूर मनु शर्मा को एक इनकार इतना नागवार गुजरा कि उसने अपनी पिस्टल निकाली और दो गोलियां दागी। पहली गोली हवा में और दूसरी गोली जेसिका लाल की खोपड़ी में जा धंसी। जेसिका लाल वहीं गिरकर छटपटाने लगी।

सैकड़ों लोगों के सामने गोली मारने के बाद मनु शर्मा वहां से फरार हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने 101 गवाह बनाए जिसमें श्याम मुंशी और बीना रमानी प्रमुख थे। श्याम मुंशी की शिकायत के आधार पर ही एफआईआर दर्ज हुई लेकिन आरोपी का ऐसा रसूख कि बाद में मुख्य गवाह ही पलट गया और अदालत के सामने मनु शर्मा को पहचानने से इनकार कर दिया। हालांकि बीना रमानी अपने बयान पर कायम रहीं। उनके बयान ने पुलिस की कहानी को सपोर्ट कियाा।

इस केस की सुनवाई सात साल तक चली। 21 फरवरी 2006 को पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

आरोपियों के बरी होने के बाद जेसिका का परिवार निराश भले हुआ लेकिन हार नहीं मानी। जेसिका की बहन सबरीना लाल ने इस केस को मीडिया में उठाया। पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील की। मीडिया ने इस पूरे मामले को उठाया तो पूरी दिल्ली में लोग इंसाफ के लिए सड़कों पर निकल आए। जब जनता जागती है तो वहां अन्याय के लिए मुसीबतें खड़ी हो जाती हैं। मसलन, केस दोबारा खोलना पड़ा और अंततः हाई कोर्ट से जेसिका के हत्यारे मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

हाईकोर्ट के इस फैसले को मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। ये केस देश के जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने लड़ा। उनकी तरफ से दलील दी गई कि इस मामले में मनु शर्मा को फंसाने की कोशिश की गई है। 19 अप्रैल, 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की दलीलों को खारिज करते हुए हाई कोर्ट के उम्रकैद के फैसले को बरकरार रखा। बाद में पुनर्विचार याचिका
भी खारिज कर दी गई।

जेसिका लाल हत्याकांडः कब क्या हुआ?

29-30 अप्रैल, 1999ः साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में पार्टी में जेसिका की गोली मारकर हत्या
30 अप्रैल, 1999: अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों ने घोषित किया कि जेसिका को अस्पताल में मृत लाया गया था
2 मई, 1999: मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने यूपी के नोएडा से बरामद किया
6 मई, 1999: चंडीगढ़ की एक अदालत के सामने मनु शर्मा का सरेंडर
3 अगस्त, 1999: आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जेसिका मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट.
3 मई, 2001: चश्मदीद गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकर गया
6 जुलाई, 2001: एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त की
12 अक्तूबर, 2001: रेस्टोरेंट और बार मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की
21 फरवरी, 2006: लोअर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ अभियुक्तों को बरी किया.
13 मार्च, 2006: दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील दायर की.
18 दिसंबर, 2006: हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया
20 दिसंबर, 2006: हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया 
2 फरवरी, 2007: मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की
27 नवंबर, 2007: सुप्रीम कोर्ट ने मनु की जमानत की दलील खारिज की
12 मई, 2008: सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की जमानत याचिका फिर से खारिज की
19 अप्रैल, 2010: फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा

Web Title: Jessica Lal Murder case: All you need to know

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