Road Accident: जैसलमेर में भीषण सड़क हादसा, हिरण को बचाने के चक्कर में 4 की मौत; जानें पूरा मामला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 24, 2025 10:55 IST2025-05-24T10:53:10+5:302025-05-24T10:55:45+5:30
Road Accident: रात करीब 10 बजे राधेश्याम विश्नोई, श्याम प्रसाद, कवराज सिंह भदौरिया और वन कर्मचारी सुरेन्द्र चौधरी को ले जा रही कैंपर गाड़ी लाठी में गैस एजेंसी के पास एक ट्रक से टकरा गई।

Road Accident: जैसलमेर में भीषण सड़क हादसा, हिरण को बचाने के चक्कर में 4 की मौत; जानें पूरा मामला
Road Accident: राजस्थान के जैसलमेर जिले में शुक्रवार रात सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मरने वालों में वन विभाग का एक कर्मचारी भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि लाठी थाना इलाके में एक ट्रक और एक कैंपर गाड़ी की आमने-सामने की भिड़ंत में कैंपर सवार राधेश्याम बिश्नोई, श्याम प्रसाद, कंवराज सिंह भादरिया और सुरेंद्र की मौत हो गई।
१००० से भी ज्यादा हिरणों की जान बचाने और पोखरण में अबोल पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करने वाले राजस्थान के राधेश्याम बिश्नोई जी की आज रात सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है, प्रभु उनकी दिव्य आत्मा को शांति दे ।#RadheshyamBishnoipic.twitter.com/dlKEtWXJtM
— Michael Dabhi (@MichaelDabhi) May 24, 2025
पुलिस के अनुसार, हादसे में जान गंवाने वाले राधेश्याम वन्यजीव प्रेमी थे और सुरेंद्र वन विभाग में कर्मचारी थे। ये लोग हिरण के शिकार की सूचना मिलने पर निरीक्षण के लिए जा रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि हादसा इतना भीषण था कि चारों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
टक्कर इतनी भीषण थी कि कैंपर वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और यात्री उसमें फंस गए। लाठी थाना प्रभारी राजेंद्र खदाव के अनुसार, दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। उन्होंने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त कैंपर से शवों को बाहर निकाला।
सभी मृतकों को एंबुलेंस से पोकरण अस्पताल ले जाया गया। मृतकों में राधेश्याम बिश्नोई के अलावा उनके साथी बगदूराम विश्नोई, कवराज सिंह भदरिया और वन विभाग का एक कर्मचारी सुरेंद्र चौधरी शामिल हैं।
वे हिरण शिकार की सूचना मिलने पर जंगल जा रहे थे। जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी और पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी ने दुर्घटना पर दुख जताया। प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षणकर्ता राधेश्याम बिश्नोई को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जिला प्रशासन और वन्यजीव संगठनों से कई सम्मान मिल चुके हैं। उनके निधन पर उनके साथियों और पर्यावरण प्रेमियों में शोक की लहर है।