आईआरसीटीसी रेल भर्ती घोटाला केसः गिरफ्तार पूर्व विधायक भोला यादव से दिल्ली में पूछताछ, कई राज खोल सकते हैं, सहमा है लालू-राबड़ी परिवार
By एस पी सिन्हा | Published: July 28, 2022 04:48 PM2022-07-28T16:48:04+5:302022-07-28T16:49:18+5:30
IRCTC Rail Recruitment Scam Case: भोला यादव की गिरफ्तारी के बाद अब सीबीआई के निशाने पर उनके परिवार का कोई दूसरा सदस्य हो सकता है.
पटनाः आईआरसीटीसी रेल भर्ती घोटाला के सिलसिले में सीबीआई ने लालू यादव के हनुमान के नाम से चर्चित पूर्व विधायक भोला यादव से दिल्ली में पूछताछ कर रही है. ऐसी आशंका है कि लालू के हनुमान ने मुंह खोला तो बहुत कुछ हो सकता है. चर्चा है कि भोला यादव के दरभंगा के स्थित घर से सीबीआई को एक डायरी मिली है, वह कई बडे़ राज खोल सकती है.
सियासी गलियारे में यह चर्चा है कि लालू परिवार भोला यादव की गिरफ्तारी के बाद बेहद सदमे में है. सूत्रों के अनुसार लालू परिवार के लोगों को ऐसा लगता है कि भोला यादव की गिरफ्तारी के बाद अब सीबीआई के निशाने पर उनके परिवार का कोई दूसरा सदस्य हो सकता है.
ऐसे में गिरफ्तारी की आशंका को लेकर सभी डरे हुए हैं. भोला यादव के बचाव में कुछ भी बोलने से पहले लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव इस बात की तस्दीक कर लेना चाहते हैं कि आईआरसीटीसी घोटाले में उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है या नहीं? लालू परिवार में शायद ही किसी को इस बात का अंदाजा रहा होगा कि आईआरसीटीसी घोटाले में भोला यादव की गिरफ्तारी हो सकती है.
अब तक लालू परिवार के किसी भी सदस्य की गिरफ्तारी इस मामले में नहीं हुई है. लालू यादव अगर जेल गए भी हैं तो चारा घोटाला मामले में. भोला यादव की अचानक हुई गिरफ्तारी और सीबीआई के रिमांड पर 7 दिनों के लिए उनका चला जाना, लालू परिवार की परेशानी और बढ़ा रहा है. इस बात की भी चर्चा है कि कहीं सीबीआई की रिमांड के दौरान भोला यादव बडे़ राज ना खोल दें?
आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे की नौकरी देकर पटना में चार बीघा जमीन अपने परिजनों के नाम पर लिखवा लिया. सीबीआई कह रही है कि लालू यादव ने बगैर किसी विज्ञापन या नोटिस के लोगों को रेलवे की नौकरी दे दी. सीबीआई की ओर से बातें सामने आ रही हैं ,उसके मुताबिक लालू यादव के रेल मंत्री रहते उनके ओएसडी के तौर पर काम करने वाले भोला यादव ने रेलवे की नौकरी के खेल में संपत्ति बनाई.
भोला यादव लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के नाम जमीन लिखे जाने का बंदोबस्त कर रहे थे. भोला यादव रेलवे में नौकरी बांटे जाने का मैनेजमेंट देख रहे थे. लालू प्रसाद यादव साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. इस दौरान रेलवे में नौकरियां देने का बड़ा घोटाला हुआ था. रेलवे में चतुर्थ वर्ग की बहाली महाप्रबंधक के स्तर पर किए जाने का प्रावधान था.
आरोप है कि लालू और उनकी टीम ने इस प्रावधान का दुरुपयोग कर पटना सहित बिहार के अलग-अलग जिलों में नौकरी के लिए इच्छुक लोगों से जमीनें लिखवाईं और बदले में नौकरियां दिलाई गईं. यहां बता दें कि रेल भर्ती घोटाले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दोनों बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में पहली गिरफ्तारी भोला यादव की हुई है. इसके साथ ही नौकरी के बदले जमीन देने के एक आरोपित हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.